आजाद रहिये विचारों से...
लेकिन बंधे रहिये अपने संस्कारों से...!
सुलह कर लो अपनी किस्मत से... एक वही है,
जो बिकती नहीं रिश्वत से।-
❤️अवतरण दिवस 17 दिसम्बर
❤️मेरे विचार मेरे शब्द✍️💙
❤️भारतीय 🇮🇳
‼️🕉️🔱शिव मह... read more
वो एक नायाब खिला सा फूल है जो हर पल
अपनी खुशबू से आंगन मेरा महका जाता है
उसकी महक से मेरे मन की खिड़की खुलती है
और मन उस खुशबू से आनंदित हो जाता है...!!-
मेरे चेहरे की खुशी तुझसे है
तुझसे ही रोशन मेरी जिंदगी हैं
तुझसे ही मेरी सुबह है
तुझसे ही मेरी शाम हसीन है
तुझ संग बुनते है मेरे सपने
तुझसंग होते है सभी ख्याब पूरे....!!-
फूलों सी महकती हुई सी कली है वो
उसके आने से महकी है जिंदगी मेरी
अब कोई चाह बाकी नहीं रही मेरी
वो ही आरज़ू है वहीं इबादत है मेरी....!!-
आ बैठी मैं तेरे पहलू में कि अब कहीं ओर मुझे जाना नहीं
तू ही मेरी जिंदगी का हिस्सा है मेरा किसी से कोई
वास्ता नहीं...!!-
है शाम का दिलकश नजारा ऐसा
गोद में उठाया है महबूब ने कुछ ऐसे
छू कर लबों को लबों ने प्रेम को
जैसे पढ़ने की इजाजत मांगी हो....!!-
बेनाम सा ही रिश्ता है हमारा चलो कुछ है तो सही,
उन लाखों से बेहतर, जो सिर्फ नाम के हैं..!!-
होती है अनबन कभी रिश्तों में तो प्यार से मनाया करो
कभी मैं रूठ जाऊ तुमसे तो कभी तुम मना लिया करो....!!-
डूबे हैं दोनों ही प्रेमी एक दूजे में कुछ इस तरह
इन्हें न ख़बर है सुबह की और न ख़बर है शाम की।-