Preeti Sharma   (Preeti Sharma)
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Joined 23 January 2021


Joined 23 January 2021
2 APR 2022 AT 8:13

❣️कोई चुपके से आए दिल चुराए, नज़रों से नज़रों मिलाए और बात ज़बान पर लाए तो कुछ बात हो |
❣️उसकी आँखों में झलक प्यार की दिख जाए, दिल से दिल मिल जाए और बात साथ निभाने की आए तो कुछ बात हो |
❣️वो दिल धड़काये ,नींदें उड़ाये , मेरे नाराज़ होने पर मुझे मनाए और मेरी बेतुकी बातों को चुपचाप सुनता जाए तो कुछ बात हो |
❣️वो सबके जैसा हो कर भी अलग नजर आए, लफ्ज़ों को लबों से पहले समझ जाए और हाथ थाम कर साथ चलता जाए तो कुछ बात हो |
❣️मेरे सपनों को अपना बनाए, मुझे यूँ मुझसे चुराए और खुद को मुझमें पाए तो कुछ बात हो |
❣️बिखरी ज़ुल्फ़ें झुकी नज़रें सवर जाए जो शाम हो, बीतें यूँही दिन और रात बेतहाशा उसकी बाहों में तो कुछ बात हो |
❣️शर्माऊ जो उसकी बाहों में चेहरे पर उसका हाथ हो, बनूँ मैं उसकी दुल्हन तो कुछ बात हो |

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1 MAR 2022 AT 0:01

शरीर पर भस्म , गले में सर्प,
हाथ में विष का प्याला
ये भोला है बड़ा निराला |

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18 JAN 2022 AT 9:28

तेरे सजदे में झुका सर
दुआ में लबों पे तेरा नाम आया ,
हमारे इश्क़ की मिसालें देते लोग
मगर तू मेरा हाथ पहले ही छोड़ आया |

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14 JAN 2022 AT 11:15

बर्फीली हवा में आग की महक
आग की चमक में वो गर्माहट वाला सेक
पावन अवसर पर खुशियों की भेंट
सभी को लोहड़ी ,मकर संक्रांति की शुभकामनाएं अनेक |

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11 JAN 2022 AT 8:45

कभी उन्हें पाने तो कभी उन्हें खोने से डरते हैं
इश्क़ में लोग रोज रोज मरते हैं
ना जाने क्या ही मजबूरियाँ हैं ज़िंदगी में
लोग खुद को खोकर भी तनहाईयों से डरते हैं |

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1 JAN 2022 AT 0:10

नए साल की नई सुबह ,
नए सिरे से रोशन करतें हैं |
तुम हमारा हाथ थामना,
हम तुम्हारे हो चलते हैं |

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18 DEC 2021 AT 16:39

वो वाट्सएप इंसटा के ज़माने में,
खतों की बात करता है |
वो लड़का नहीं कयामत है ...
पहले इज़हार के बाद ,
सीधा निकाह की बात करता है |
लगा लूं मेहंदी ...क्या नाम के उसकी,
जो मोहब्बत मुझसे बेशुमार करता है |
वो लड़का नहीं कयामत है ...
पहले इज़हार के बाद ,
सीधा निकाह की बात करता है |

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16 DEC 2021 AT 9:50

साथ जो छूटा उनका , खुद से ही रूठे हैं
मिलते हैं ख्वाबों में अक्सर, वहाँ भी लब झूठे हैं
सच्चाई क्या है रब ही जाने, हमें तो लगते सब अफसाने है
जो कभी हमारे थे इस कदर, वो आज किसी और के दीवाने हैं |

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14 DEC 2021 AT 1:13

यादें तो सब बनाते हैं,
आओ यादें मिटाते हैं
तुम मिलने आना हमसे,
आज सारे वादे भुलाते हैं
नहीं है ना इश्क़ तुम्हें,
हमारा इश्क़ भी भूल जाओगे
नहीं आएगी याद हमारी,
ना रातों में रो पाओगे
मैं वापस आऊँगी,
ये बात ना कभी दोहरा पाओगे
बस चिता को अग्नि देना,
मेरे इश्क के लिए तरस जाओगे |

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6 DEC 2021 AT 8:59

एक रूप सुहाना था , सूरज की लाली थी
वो सुर्ख़ गुलाबी होंठों की चमक , क्या गज़ब ढा रही थी
सादगी से सजी वो प्यार से मुस्कुरा रही थी
हाँ वो तुम ही थीं ,जो मुझसे इश्क़ किए जा रहीं थीं |

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