बातें भी बनाए गए होंगे
शब्द भी दोहराए गए होंगे
फूल जो दिए गए थे कभी
वह भी मुरझाए हुए होंगे||-
झटता गया अंधेरा, आती गई रोशनी
उड़ता रहा दुआ, मिलती रही राख
जलता रहा तब तक की मिट्टी में ना मिला वह
अंतिम सफर खत्म कर आगे बढ़ चला था वह
जो कभी वादे करता था रिश्ते निभाने के
आज यम के साथ निभा रहा था वह
अंतिम सफर खत्म कर आगे बढ़ चला था वह-
Vibe की तलाश में निकली थी
Vibe मैच हो भी गई थी तूझसे
पर ऐसा क्या हुआ फिर vibing की
कि अब vibing की जगह wiping लिख रही हूँ-
लोगों के अल्फाज कानों में पढ़ते तो थे
पर दिल अपनी जिद में अढ़ा था
वह धोखेबाज निकलेगा ऐसा सोचकर ही
दिल चूर-चूर हो चुका था-
सवालों का पिटारा लिए चल पड़ी थी मैं
एक बार फिर अकेले निकल पड़ी थी मैं
कोई अपना ना बन पाया था
किसी अपने में फिर दिल दुखाया था
क्यों किया ? क्यों किया ? खुद से सवाल करते हुए
सोते वक्त फिर से तकिया का कोना भीगाया था-
बातें बंद कर दी थी तुमने
रास्ते भी मोड़ लिए थे
बात न करने के मौके भी खोज ही लिए थे
यह जुदाई मेरे दिल को गवारा न था
इसलिए तेरे जाने से पहले ही
मेरे दिल ने किसी और को खोज लिए थे-
I can read people कहकर आगे चलती रही
तेरी नजरों में खुद को ढूंढती रही
ऐसा भी क्या था दिलों के खेल में की
एक दिल तोड़ के आगे वह बढ़ती रही-
शायद तेरे एहसास से कभी निकल ना पाऊं
शायद तेरे जज्बात से कभी उभर ना पाऊं
पर जब तक जिउंगी याद रखुंगी कि
आंखें भी धोखा दे सकती है और झूठी बातें कह सकती है-