learnt how valuable time and life are.
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दूसरों से नहीं, खुद से लड़कर मुझको आगे बढ़ना है,
प... read more
लहूलुहान बहुत है, यूंही नहीं डरता है दिल
फूल को फूल कहने से भी डरता है दिल
गुलदान में सजाए थे कुछ गुल हमने
कांटों के घाव से अब डरता है दिल-
लहरों का वेग प्रबल सही
छिन्न भिन्न मेरी पतवार सही
इस पार नहीं, उस पार नहीं
किनारा दिखता कहीं नहीं
तैर कर दरिया पार करूंगी
हर भंवर को तार करूंगी
डूबा दे मुझे, ये मुमकिन नहीं
दरिया में इतना पानी नहीं
बांधकर पत्थर फेंक मुझे
फिर सतह पर आ जाऊंगी
तिनका कोई पा जाऊंगी
मरकर भी मरूंगी नहीं
डूब जाना मेरा अंत नहीं
डूब जाना मेरा अंत नहीं-
आज हारा है जो
कल जीतेगा जरूर
मेहनत का नशा
चख ले थोड़ा
आतिश में खिलेगा फिर
आफताब का नूर-
वक्त तुम्हारे लिए नहीं रुकेगा
आसमान तुम्हारे लिए नहीं खुलेगा
रास्ता तुम्हारे लिए नहीं मुड़ेगा
ज़माना तुम्हारे आगे नहीं झुकेगा
झुके भी क्यों? तुम कौन हो?
क्या पहचान तुम्हारी जो
तुम्हारे लिए दुनिया सजदा करे?
अगर यही सोचते हो,
तो गलत हो तुम।।
वक्त रुकता है उनके लिए जो
रास्ते, मंज़िल और काफिले की
परवाह किए बिन बस चलते रहते हैं
आसमान खुलता है उनके लिए
जिनके लिए ज़मीन की हर राह बंद हो
जाती है, पर वो टूटते नहीं
पर्वत भी मोड़कर अपना रुख
उन्हें रास्ता देते हैं जो मुसीबतों से घबराते नहीं
ज़माना तो हर उस शक्स के आगे झुकता है
जिसने ज़माने के आगे झुकना कभी सीखा नहीं
बन जाओ वो फौलाद
जिसे कोई हथौड़ा तोड़ न पाए,
जिसे कोई बाधा रोक न पाए
जिसे झुकाने वाले कोई पैदा न हुआ हो
जिसे बिखरनेवाला खुद बिखर जाए
तब दुनिया करेगी सजदा,
आसमान तुम्हारा आंगन होगा
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As if one wave has gone and another is on its way. The ones who are scared of waves can never surf the sea. True sailors are the ones who befriend the waves of difficulties and ride on them towards success .
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चुभते नहीं
गड़ जाते हैं
याद आते हैं
कुछ पल
और बहुत याद
आते हैं
फूलों की महक
हवाओं की लहक
धड़कनों की चहक
आज भी दिल को
तड़पाते हैं
याद आते हैं
कुछ पल
और बहुत याद
आते हैं-
जरूरतों और ख्वाहिशों की डोर से बंधी है ये जिंदगी। जब कभी सपनों की पतंग ख्वाहिश की डोर पकड़ उड़ने लगती है तो दूसरे हाथ में बंधी ज़रूरत की डोर वापस खींचकर धरातल पर धम्म से पटक देती है। इन दोनों डोरों में बंधा मनुष्य कठपुतली की तरह जीवन की ताल पर नाचता रहता है। संघर्ष और सपनों के बीच की इस खींचतान में जीत उसी की होती है जो, कठिन से कठिन परिस्थिति में भी सपनों की डोर को कसकर पकड़ रहता है। सपनों की डोर, विश्वास की डोर है, आस्था और प्रेम को डोर है। और चिरकाल से यह सत्य शाश्वत रहा है कि जब भी भक्तों ने श्रद्धा, विश्वास और आशा की सच्ची डोर खींची है, भगवान स्वयं इस डोर में बंध कर पृथ्वी पर उनका दुख हारने चले आए हैं।
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अपनी प्रेम से भरी बूंदों से
मन मेरा भिगो देना
बूंदों के संग मैं भी
बहा लूंगी कुछ आंसू
बह जायेंगे जिसमें
कुछ देर को सारे गम
हर बहते हुए दुख के साथ
बन जाएगी जगह
पलकों में कुछ रंगीन सपनों की
इन्हीं सपनों के सहारे चलने की
हिम्मत आ जायेगी जीवन के
बेजान से मरुस्थल में...
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युद्ध में सत्य और धर्म चाहे युद्ध के मैदान में अकेले और निहत्थे भी खड़े हों, तब भी अधर्म और अनाचार की अक्षिण्णी सेना से उनका पलड़ा भारी होता है। युद्ध चाहे कुरुक्षेत्र के मैदान में हो या जीवन के संग्राम में। विजय सत्य और धर्म की होती है।
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