एक इबादत से हो तुम
जो हर नायाब खुशी देते हो
मेरी हर छोटी बड़ी ख्वाहिश को पूरा करते हो
मेरी इस छोटी जिंदगी का
एक बेशकीमती किस्सा हो
मेरी रुह का तुम एक अह़म हिस्सा हो
तुम्हारी आह़टो में वो रवानी हैं
जैसे मीरा कृष्ण की दिवानी हैं
कुछ भी कहो तुम मगर
हर हफ्र द हफ्र में बस मैं तुम्हारी सिर्फ तुम्हारी हूँ
तुम्हारे अलावा आता नहीं कुछ और नजर मुझे
मिलता है सुकून बस तेरी ही बांहों में मुझे
साथ लिखा तुम्हारा भी तो क्या लिखा
कुछ लम्हों का ही ये ख्वाब लिखा
होते अगर मेरे हाथों की लकीरों में तुम
मेरी जिंदगी का वो सबसे खूबसूरत सपना होता-
मेरे इश्क़ की खुशबू महकती रहे
नूर दिल का ना बुझे कभी
चाहतों में उसकी खोया है दिल
गुलाब सा ये वक्त ना मुरझाए कभी
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जो रास्तों के अंधेरों से हार जाते हैं
वो मंजिल के उजालों को कभी पातें नहीं
जुनून की आग लिए तु एक नहीं हजार हैं
बेशक हवाएँ टकराए आंधियां बनकर ही सही
आसान नहीं तेरी मंजिल तो मुश्किल भी नहीं
तु दरिया बनके चल निकल कदम कदम पर चट्टान सही
मुठ्ठी में कर तु आसमां पंख फैला के उड़
अहसान कर मेरे मालिक करदे मेरे शब्द मुकम्मल सभी-
सुनो!!
अब अपने दिल की बात बताने का कोई फायदा नही
पता है बहुत दूर जा चुकी हूँ तुमसे,,,,....
लेकिन अपने दिल की बात दिल में रखने का भी हक नहीं मुझे,,,,....
क्योंकि तुमने ही तो कहा था परेशान हो या बैचेन हो कभी
तो अपने दिल की बात कभी छुपाना मत,,,,.....
तो सुनो प्यार करती हूँ तुमसे और हमेशा करती रहूंगी
भले ही दूर हूँ तुमसे लेकिन तुम खुश रहो हमेशा यही दुआ करूंगी,,,,....-
ये मत समझना अब मोहब्बत नहीं है तुमसे
आज भी बेतहाशा मोहब्बत करते हैं हम तुमसे
थोड़ा वक्त दो मुझे जीने आऊंगी वापिस तुम्हारे आशियाने में
गलत मत समझना बेवफा थी, चली गई छोड़कर हमें
क्या करू माँ की प्यारी बेटी और पापा की परी होने का फर्ज भी निभाना है
और प्यार के संग भी रहना है हमे
थोड़ा वक्त लगेगा लौटने में मुझे
लेकिन वादा करती हूँ आऊंगी वापिस मनाकर घरवालो को तेरे खातिर
निभाऊंगी वे कसमें, वे वादे जो किये थे हमने अपने रिश्ते की खातिर-
तमन्ना होनी चाहिए किसी से मिलने की
बहाने तो अपने आप मिल जाते हैं
प्यार है तो इजहारे-मोहब्बत करो
वरना अक्सर यही आशिक
बदनाम हो जाते हैं....-
कर लिया इंतजार तुम्हारा ,जब तक करना था
अब ओर सब्र करने की हिम्मत नहीं मुझमें
गुजारिश करते थे तुम्हारे साथ रहने की
अब ख्वाहिश है हमारी मरने की
चुप थे अब तक तुम, अब हम भी चुप हो जाएगें
बुला लेना चाहे तुम अब, लेकिन हम लौट कर कभी नहीं आएगे-
माना की दूरियां है 😞
लेकिन यह दूरियाँ हमारे इश्क़
की कमजोरियां नहीं.. 💕💕-