अजनबी थे हम सभी यहाँ ,
एक सिंपल हाय से शुरुआत हुई थी ।
प्यारा सा समय बिताया मिलकर हमने साथ मे ,
सिंपल सी हाय, कब गुड बाय मे बदल गयी खबर ना हुई।
मेरे आदरणीय मैनेजर sir ,
बहुत कुछ सिखाया आपने,बहुत सीखा मैने आपसे।
मैं तो एक नादान ,नौसीखिया यहाँ आया था ,
अडानी से वारी तक का 6 वर्षों का सफर ,
आपके सानिध्य मे कब पूरा हो गया खबर ना हुई।
मेरे प्रिय सभी जूनियर्स ,
एक परिवार सा मिलकर हमने, काम किया साथ मे,
वक्त बिताया खुशियों भरा ,विश्वास जताया हर हाल मे,
रोजमर्रा की ज़िंदगी हमारी ,
कब यादों की सीरीज बन गयी खबर ना हुई।
मिलना बिछड़ना तो किस्सा है जिंदगी का ,
मीठी यादों और नये सपनों के साथ सोलर् मे मिलते रहेंगे, ,
ये अंत नहीं है लाइफ की बुक का ,
बस पेज पलटने का समय कब आगया खबर ना हुई ।
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