आसमां की चादर लेकर ,
ज़मीन को अपना बिस्तर बना लेते है।
लाखों सपने आंखो में लिए,
वो कितने सुकून से सो लेते है।
घर रोटी कपड़ा सब है हमारे पास,
पर वो सुकून बिकता नही दूकानों पे मेरे यार।
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अगर नफरतें जिंदगियों से बड़ी है,
शौक से निभाएगा।
अगर नफरतें सासों से छोटी पड़ गई
मरना भी मुश्किल हो जाएगा।
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एक शख्स अचानक खास कुछ यू बन गया
आखों के सब राज वो कुछ यू पढ़ गया
खबर न हुई कब हम दिल यू हार बैठे
आखों से देखा और रूह मै उतार बैठे
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घड़ी को देखकर ना जाने क्यों मुस्कुरा रहा हूं
वक्त का तो पता नहीं फिर भी मुस्कुरा रहा हूं
दुख है अंदर बहुत से दबे हुए
फिर भी ना जाने क्यों मुस्कुरा रहा हूं
पूछ लेता हूं उस वक्त से ठहर जा मेरे पास
ठहर जाता है वक्त, पर वक्त नहीं है मेरे पास
व्यस्त हूं मैं इतना ना जाने कहां
कुछ भी तो नहीं है मेरे पास इस वक्त के सिवा
छुपी है सारी खुशियां सारे गम यहां
बन जाता है वक्त ही तो सारे गमों की दवा
घड़ी का चलना जिंदगी के चलने जैसा है
कभी अच्छा तो कभी बुरा वक्त भी हमने देखा है
घड़ी को देखकर ना जाने क्यों मुस्कुरा रहा हूं
वक्त का तो पता नहीं फिर भी मुस्कुरा रहा हूं-
कुछ उलझा हैं कुछ सुलझा है
ये मौसम आज क्यों बिगड़ा है
यादों की हवा कुछ यूं चली
दिलों की धड़कन बढ़ गई
यादों में उलझा कर अपनी
एक मुलाकात से सुलझा देना
यही अदा है उनकी जिसपे हम फिदा हैं
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Ek najar se humari najar milne ka gunah ho gya
Hume unse unhe humse pyar ho gya
Ishq ka humko guman ho gya
Bas yehi galti ho gai humse
Phir kya tha
Duniya aabad or mai barbaad ho gya-
अजीब कितना है देखिए जो चीज़ हम दूसरों में ढूंढते हैं।वो हमारे अंदर है ही नहीं जब हमारे अंदर वो चीजें नहीं तो हम दूसरों से क्यों उम्मीद कर बैठते है।
व्यर्थ है सब
जीवन का एक पड़ाव ये आएगा हाथ में हमारे कुछ भी नहीं होगा। अपने स्वार्थ के अलवा कुछ भी नहीं।-
हर रोज कहानी में उलझते है, हर याद बगावत करती है।
सासो का तो पता नहीं , पर जिंदगी हर दिन दम तोड़ा करती हैं।-