अक्सर उनको ही हमारे राज पता होते है
जख्म देते है इस कदर हमको
हमे भी अफसोस होता है के वो क्यों हमारे करीब होते है!!
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हमसे इस कदर..........
के मौत से यारी करने को जी चाहता है
पर इस वक्त तो मौत ने भी हमसे बगावत कर रखी है
पंछी उडे़ भी तो कैसे इस गगन मे
पिजंरे मे तो वो अपनी उडा़न भूल जाता है-
फिर भी जख्म गहरे दे गए ,
तमाशा बन गई जिन्दगी मेरी
क्योंकी तमाशा बनाने वाले मेरे अपने थे....-
जख्म दे के खुद मरहम लगाते है ,
मोहब्बत के नाम पर यहां
आज कल सौदे किये जाते है!!-
कोई तो होगा जिससे तुम खुश रहते हो
करके i love you का msg forword करते हो ,
मैंने तो तेरे सिवा किसी को आंख उठाकर देखा तक नही
फिर भी ना जाने क्यों तुम मुझे बेवफा कहते हो!!!-
के तुजपे क्या गुजरी है ,
इन ठण्डी हवाओं ने इशारा जो किया है
कैसे मान लु के तु खुश है
तेरी चुप्पी के पिछे का दर्द साफ दिखाई दिया है.....-
सावन के झुलो ने मुझको बुलाया
मैं परदेशी घर वापस आया ,
रिम-झिम रिम-झिम बारिश आई
प्रीत महफिल मे लौट आई !!!
स्वागत नही करोगे हमारा 😜😜😜
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वहाँ जरूरत नही होती
ओर जहाँ जरूरत होती है
वहाँ मोहब्बत नही होती
ओर जहाँ ये दोनो नही होती
वहाँ इबादत होती है-
साईं के चरणों मे जीवन अपना बिताऊं मैं
मतलब की दुनिया से खुद को बाहर निकालु मैं
तन मे साईं मन मे साईं , साईं का ही गुण गाऊं मैं
खुद को भूलकर अब तो उस के रंग मे रंग जाऊं मैं-
जिसमे गम ना हो वो मोहब्बत कैसी
मौत के सामने हर कोई सर झुकाता है
बुरे वक्त मे जो छोड जाए वो दोस्ती कैसी
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