Prdhaan_ G   (PardAan G)
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Writer
Joined 18 July 2020


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Joined 18 July 2020
16 JAN 2022 AT 0:24

बहुतों ने कहा भूल जाऊ तुझे,
ये मैं कर नही सकता ...(2)
तुझसे ही सीखा है लिखना
लिखना मैं छोड़ नही सकता
तू ही मेरी कलाम की जान है
मैं तुझे भूल नही सकता

मैने सोचा तुम तो समझोगे मुझे एक आखिरी तुमसे ही आस है...
वो पास ना तुम तो हो वो मेरे दिल में आज है...
और तुम समझा करो यारो तुम जान हो अपनी तुम्हारे लिए जान दी सकती है
पर उससे भी तो अब रिश्ता है मेरा, उसके लिए कैसे सुनूं कुछ अब वो भी तो मेरी खास है...(2)

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14 JAN 2022 AT 8:20

इश्क में सीखा मैं जो किया ना था कभी वो सब....
कल रात एक तस्वीर बनाई मैने भिगो दिया तकिए सब....

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2 SEP 2021 AT 21:53

❣️दिल की बात❣️

हंसता हंसता हो जाऊ विदा जहां से... जनाजे पे पैगाम लिखना....
लौट तो सकता नहीं मैं... मेरे यार सलामत रखना....

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30 MAY 2021 AT 11:53

खुदा
😡 बस नाम का है तू 😡

एक छोटी सी दुआ मांगी, अपनी जान के बदले जान मांगी...
ना कोई ज़्यादा बडा सोदा किया बस यार कि अपने ख़ैरात मांगी.....
कैसा खुदा है तू ये भी ना दे पाया....
मेरे यार के सिर पे अपना साया ना दे पाया....
पागल है दुनिया अपना वक्त बर्बाद कर रही है....
शरीर अपना टोद जो मुराद कर रही है...
ना कोई वर्त ना कोई पूजा करो....
वो क्या खाक देगा जो सैकड़ों दुआओ के बदले,
एक जान ना दे पाया....

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28 MAY 2021 AT 10:20

एक को खो चुका हूँ पहले रो चुका हूँ, इस बार बर्दाश्त नही होगा....
बहुत आ रही होंगी भगवान दुआ भाई के नाम कि,
अब भी ज़िन्दगी नही बक्षी तो अच्छा नही होगा......

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17 MAY 2021 AT 22:18

हल्के में मत लेना
कभी मूह के ना लगाई हो तो सिगार छूना नही,
आज हुस्न बहुत दिखते है, हुस्न वालो पे मरना नही....
बड़ी ही ज़ालिम है ये मोहब्बत शरीफ़ इंसान भी शौकीन
हो जाता है नशे का हल्के में लेना नही....

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17 MAY 2021 AT 9:05

😔 😔 😔
मेरे साथ रहके जिसने पूरा शहर घूमा, जान निकली नही बाकी कुछ रहा नही,
किसी ओर ने उसका हाथ जो चूमा....
गुलाब दिए हाथो ने शराब थाम ली, लिखने को खता तेरी किताब थाम ली.....
तू कर्ता रह मन कि मेरा लिखना बाकी है,
मर तो चुका हूँ बहुत पहले बस चार कन्धो पे जाना बाकी है....

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15 MAY 2021 AT 11:46

तेरे एक बदलने से क्या कुछ बदला, जिन्दा था जिन्दा लाश बदला......
जल रही चिता मैं राख बदला, क्या कर रहा रहा था पता नही.....
शायद खुद अर्थी त्यार कर रहा था, कंधा देने कोई आया नहीं...

रब ये दोर भी बदला समझ रहा हूँ सबको...
समझ रहा हूँ सबको, सबके चहरे से नकाब जो उतरा....

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6 MAY 2021 AT 23:24

😌 All Get well soon 😌

इंसान कि ज़िन्दगी से लडाई चल रही है....
माैत भारी पड रही ये बेवफ़ा हो रही है,
इतना तो कर्ज है तुझपे कुछ तो चुका जा...
इतना कुछ सहा है ये भी दिखा जा....

जैसे कट रही थी पहले वो दिन भी आयेगा.....
हालात है जैसे सुधर जयेगा.....

ना कोई बूढा ना कोई जवां दिखता है...
बच्चों का ना कोई निशा दिखता है,
कुदर्त का कुछ खेल चल रहा है....
इंसान है बन्द पक्षी उड रहा है...
सब वैसा होगा जैसे ये समझ आयेगा

जैसे कट रही थी पहले वो दिन भी आयेगा.....
हालात है जैसे सुधर जयेगा.....

हारे नही है पर हार चुके है
कुछ हो नही सकता जो मान चुके है...
इरादे करो मजबूत सब सही होगा
जलती रहेगी स्मा रोशन...
जबतक एक दिया रहेगा....

जैसे कट रही थी पहले वो दिन भी आयेगा.....
हालात है जैसे सुधर जयेगा.....

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6 MAY 2021 AT 18:39

😷😷😷

हाथो से ना हाथ मिलाना दूर से ही पर्णाम है, जहा जाये आज, सारे कही ये बात है,
मोत का मन्ज़र सा बना है हर जगहा, कही धुआँ तो कही आग है...
वो पल जो था कल, अब ना कल वाली बात है, हँसता ना कोई गली ना कोई गाँव है,
मोत का मन्ज़र है हर जगहा, कही धुआँ तो कही आग है....

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