Pravin Dinkar   (Pravin S Dinkar)
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writter, Lawyer, Poet, artist
Joined 14 January 2021


writter, Lawyer, Poet, artist
Joined 14 January 2021
10 MAR 2022 AT 11:44

In today's world
Less work and more money, all the transactions and work in the world run on this motto.

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10 MAR 2022 AT 11:43

आज की दुनिया में
काम कम और पैसा ज्यादा, दुनिया में सारे लेन-देन और काम इसी ध्येय पर चलते हैं।

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10 MAR 2022 AT 11:42

आजच्या जगात
कमी काम आणि जास्त दाम, या उक्तीवर जगातले सर्व व्यवहार आणि कामं चालतात.

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26 FEB 2022 AT 10:11

i am yours

I will speak sweetly, to fall on your ears

I will be your voice, for your few words

I will be a beautiful flower to be in your hands

I will be the way to guide you

I will sharpen your eyes for your understanding

I'll be a million lights, over your dark path

I'll leap for you, to reach the sky

I will be a strong shoulder for you to rest.

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26 FEB 2022 AT 10:07

मैं तुम्हारा हूं

मैं मीठा बोलूंगा, तुम्हारे कानों पर पड़ने के लिए

मैं तुम्हारी आवाज बनूंगा, तुम्हारे चंद शब्दों के लिए

तुम्हारे हाथों में रहने के लिए मैं एक सुंदर फूल बनूंगा

मैं रास्ता बनुंगा तुम्हे चालणे के लिये

मैं तेरी समझ के लिथे तेरी आंखें तेज करूंगा

मैं एक लाख रोशनी बनूंगा, तुम्हारे अंधेरे रास्ते के ऊपर

मैं तुम्हारे लिए छलांग लगाऊंगा, आकाश तक पहुंचने के लिए

मैं तुम्हारे आराम करने के लिए एक मजबूत कंधा बनूंगा।

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26 FEB 2022 AT 10:02

मी तुझा

मी मंजुळ ध्वनी होईल, तुझा कानावर पडण्या साठी

मी तुझा स्वर होईल , तुझ्या मोजक्या शब्दांसाठी

मी सुंदरसे पुष्प होईल, तुझा ओंजळीत राहण्या साठी

मी तुझी पाऊलवाट होईल, तुझ्या वाटचाली साठी

मी तीक्ष्ण नजर होईल, तुझ्या पारख नजरे साठी

मी लख्ख प्रकाश होईल, तुझा काळोख्या वाटे वरती

मी तुझी झेप होईल, तुला आसमंत गाठण्या साठी

मी मजबूत खांदा होईल, तुला विसावा घेण्या साठी.

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26 FEB 2022 AT 9:55

दु:ख का कारण ज्ञात हो जाने पर सुख का मार्ग स्पष्ट हो जाता है।

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26 FEB 2022 AT 9:52

Once the cause of sorrow is known, the path to happiness becomes clear.

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26 FEB 2022 AT 9:03

दुःखाचे कारण माहिती झाल्यावर, सुखाचा मार्ग मोकळा होतो.

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25 FEB 2022 AT 11:07

जो दूसरों की जरूरतें पूरी करता है, शायद इसलिये उसकी जरुरते पुरी करणे वाला कभी नहीं मिलता ,
शायद यही श्राप उन पर नियति ने लिखा है।
इस श्राप के साथ जीना ही उसकी नियति है।

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