Pravesh Yadav  
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जीवन को समझा रहा, जिया हुआ इतिहास
जब तक तन में श्वांस है, तब तक मन में आस
Joined 7 October 2019


जीवन को समझा रहा, जिया हुआ इतिहास
जब तक तन में श्वांस है, तब तक मन में आस
Joined 7 October 2019
6 OCT 2022 AT 22:01

जब मायके के दखल की गुणवत्ता में
निश्छल शुद्धता एवं स्नेहिल गरिमा
की उपस्थिति होती है, तो लड़कियों के घर
केवल बनते नहीं, बल्कि स्वर्ग बन जाते हैं।

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27 SEP 2022 AT 15:33

विचारों के सिवा,
शुभ अशुभ कुछ नहीं होता

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5 SEP 2022 AT 14:07

जीभ जलने पर जब चाय नहीं छोड़ी
तो असफलता के डर से संघर्ष करना क्या खाक छोड़ेंगे

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4 SEP 2022 AT 15:19

मुझको भला क्या देंगे ये टूटते हुए तारे
कह दो इनसे कि पहले खुद को बचा ले

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29 AUG 2022 AT 21:57

रेत पर नाम लिखने से क्या फायदा,
एक आई लहर कुछ बचेगा नहीं।
तुमने पत्थर सा दिल हमको कह तो दिया,
पत्थरों पर लिखोगे मिटेगा नहीं।
' विष्णु सक्सेना '

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28 AUG 2022 AT 20:44

कागा काको धन हरे, कोयल किसको देय
मीठे बोल सुनाय के, वश अपनी कर लेय
' कबीर '

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28 AUG 2022 AT 20:39

सुख चाहे विद्या पढ़े, विद्या है सुख हेतु।
भव सागर से तरन को, विद्या है दृढ़ सेतु॥

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28 AUG 2022 AT 20:20

कर्मभूमि की दुनिया में, श्रम सबको ही करना है।
उसने दी हैं सिर्फ लकीरें, रंग हमें ही भरना है।।

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28 AUG 2022 AT 20:04

उम्मीद के दिलकश पनघट पे, हम शमा जलाये बैठे हैं।
वो वादा कर के भूल गए, हम आस लगाए बैठे हैं।।

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28 AUG 2022 AT 12:32

कुछ बात तो है तेरी बातों में,
जो बात यहाँ तक आ पहुँची।
हम दिल से गये, दिल हम से गया,
ये बात कहाँ तक जा पहुँची।।

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