श्री कृष्ण जैसा अनूठा साधक और सारथी इस जग में हुआ न दूजा।
हे! ड्राईवर....
ले प्रशिक्षण और बन सारथी ऐसा की जग में हों तेरी भी पूजा।।
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यूं तो सफ़र में होते हैं हमसफ़र बहुत से,
पर जब मुश्किलें हो राह में तो चलना अकेले पड़ता हैं।
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जब ग़लती पर ग़लती की अपनों ने, तब भी हम चुप थे।
पर शायद चुप थे, इसलिए ही अपनों ने ही गलती कर दी।।-
यूं तो हर साल ऐसे ही ख़त्म हो जाता हैं बिना कुछ खास किए लेकिन इस बार लग रहा हैं कि गलती मेरी नहीं हैं ।
#2020 wasted by CORONA-
जब अंधेरा हुआ, तब ही पता चला जुगनू की चमक का
वरना सूरज की रोशनी में तो तारे भी गुम हो जाते हैं।।-
कुल्लड़ की उबलती हुई चाय,
किसी अपने की बेतुकी राय।
अगर दोनों मिल जाए, सड़क किनारे
तो वो शाम यादगार ही बन जाए।-
ये जो तेरा हद में रहकर बेहद प्यार करने कि कला,
क्या कहें अब हम दिल ही लूट ले जाती हैं।-
महफ़िल में तुम्हारी आने लायक़ भी बन जाएंगे।
बच्चें हैं अभी तो, किसी दिन बड़े भी बन जाएंगे।
हसरतें ना दबाओ, ना ही कुछ तुम हमसे छुपाओ
तुम हो हमारे, एक दिन हम तुम्हारे भी बन जाएंगे
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ये दिवाली खुशियों वाली, कोई भी हाथ ना रहे खाली
इस पंक्ति की भावना को चरितार्थ करते हुए कल शाम अजमेर के केसरगंज, बजरंग गढ़, एवं गुलाब बारी फाटक के आस पास उपेक्षित एवं आर्थिक कमजोर परिवारों के लिए दिवाली की खुशियाँ बढ़ाने हेतु मिठाई वितरण का कार्यक्रम रखा गया, जिसके पीछे युवाओं की यह भावना थी की खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है।
इसी क्रम में जो प्रयास किया गया उसमे अभियांत्रिकी महाविद्यालय अज़मेर में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत निम्न लोंगो ने आर्थिक मदद की जिससे 121 डिब्बे दिवाली की मिठाइयों का वितरण किया गया।
1. Vishnu Priya 2. Dhruv Saxena
3. Arun Dev 4. Dharmendra Singh Dhaka
5. Sankalp 6. Nishant Singh
7. Naveen Choudhary 8. Shivam Chauhan
9. Pravesh Saini 10. Gyanendra
11. Kapil Sagrolikar 12. Shivani Dwivedi
13. Kamal 14. Shalini Yadav
15. NK Gupta 16. Satish Ray
17. Manoj Kumar 18. Atul Sharma
19. Diwakar Kumar-
दोस्त तो है पर दोस्तों की दोस्ती में वो बात नहीं है।
राही है आज भी हम पर हाथों में उनका हाथ नहीं है।।
भले ही याद करते हो, वो हमें होली और दिवाली पर
आज पराए लगते हैं शायद इसलिए, कि वो साथ नहीं है।।
Missing old days (B.Tech. times)-