दीपावली के इस त्यौहार पर खुशियों का एक उपहार मिला |
माँ के आँचल के साथ
राखी बंधवाने के लिए एक बहन का साथ मिला |
जीवन गुजारने के लिए जीवनसंगिनी का साथ मिला |
अग्नि सी पवित्र सीता को लंका में उनका राम मिला
इस त्यौहार को मनाने के लिए दीपावली हमें नाम मिला |-
शांत रहता हुं, और मुस्कुराता हुं,
बस यही काफी हैं मेरे लिए।
जो लोग हमसे जलते है
उन्हे यूंही मैं जलाता हूं— % &-
खामोशी का अपना ही मजा है,
लब्ज़ कोई बहरा नहीं देखा जाता हैं,
तेरी आंखों पे काजल की गिरफ्त तो ठिक था,
ये आंसुओ का पहरा नही देखा जाता है,
अपने हिस्से की खुशियां लुटा दू तुझपर,
तेरा ये उतरा हुआ चेहरा नहीं देखा जाता।
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रातों में चांदनी सी हो तुम ,
तपस में बारिश सी हो तुम,
फूलों में गुलाब सी हो तुम,
नाकामियाबी में एक उम्मीद की किरण हो तुम,
बहोत खूबसूरत....मगर थोड़ी सी चुलबुली हो तुम,
मेरे सुने हाथो की रंगीन लकिरे हो तुम
मेरे इस जीवन की संगिनी हो तुम— % &-
मेरे उलझे सवालों का सीधा जवाब हो तुम
में स्याह आसमां, मुझे रोशन करता महताब हो तुम
तुम वो सच हो मेरी जिंदगी का जो ख्वाब लगता हैं
और मैं वो कांटा हु जिसका गुलाब हो तुम
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माना की बहोत जरूरी है आपका समाज
मगर
हम भी नायाब है बार बार नही मिलेंगे
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ये कैसा दस्तूर है इस समाज का
जहा बेटी के बदले बेटी नही तो
पैसों से बेटियों को तोला जाता है
कैसी चिंता इस समाज की
जब बात खुद की हो तो समाज नही है
पर जहां बात बेटियों की खुशी की है
वहा समाज का गंदा खेल उनपे थोप दिया जाता है-
मेरे लहज़े से जो नाराज़ है
कभी खुद की भी तफ्तीश करके देखना
मुझसे महोब्बत न हो जाए तो कहना
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हर किसी को खुश कर सके
वो सलीका हमे नही आता ।
जो हम नही है।
वो दिखाने का तरीका हमे नही आता ।-
सिर्फ propose करने से मोहब्बत का इजहार नहीं होता
दिल में प्यार हो तो propose day का इंतज़ार नहीं होता ।-