शाख से टूट कर गिर गए तो क्या,
मिलेंगे मिट्टी से तो उसको भी उपजाऊ कर जाएंगे।
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ज़िन्दगी तुमसे विनती है कुछ गलतियां सुधारनी हैं थोड़ी मोहलत दो न ।
हाथ जोड़े कब से खड़ा हूँ थोड़ा तरस खाकर इधर भी देख लो
सच कहता हूँ सिर्फ़ एक बार जो हुआ उसे भूल जाते हैं बस एक बार मुझे माफ़ कर दो ।
हाँ मैं मानता हूँ मैंने तुमको समझा नही गंभीरता से नही लिया लेकिन तुम भी क्या मेरे जैसी ही हो जाओगी माफ़ कर दो न ज़िन्दगी सुनो न
देखो मेरा गला भर आया है आँखे डबडबा आयीं हैं मैं सच में अभी रोने लगूँगा।
तुम बड़ी हो न मुझसे और समझदार भी क्या तुम मेरी गलतियों नादानियों को माफ़ नही कर सकती।
इस बार मैं कुछ नही करूँगा जो तुम कहोगी बस वही करूँगा तुम्हारा कहना मानूँगा, कुछ तो बोलो ज़िन्दगी ऐसे क्यों देख रही हो।
ज़िन्दगी कुछ बोलो न
ज़िन्दगी..ज़िन्दगी....ज़िन्दगी....☹️-
Meri life me ab ek hi movie hai mera chandrama
Usi se power milti hai
🌟: Oyee ❤️
🌟: Aj behad miss kiya hun apko
Hu thame rhna andar se bhi aur bahar se bhi
🌟: Mere soul wire ho yara
Mai to apni ungaliyan sunghta hu tumhari ungaliyon ki khusboo pane k liye
🌟: Oyee
Chalo sapne pure karte hain ham ek duje k
🌟: Yesss ar apne sitare bulandi pe Lgayege
🌟: Ye wada kroo
🌟: S aage badhe hoo to ishwar pariksha lega but kdm peeche mt lena
तुमको पता है जब तुम अपने होठों को चुप रहने को बोलती हो तो तेरी आंखें मुझसे बात करती हैं ।
तुम हर कदम साथ देना 😘
🌟: ❤️❤️
🌟: Definately
Ye wada kiya 🤝
🌟: Touch wood 👍🏿🙏ishwar sath dena-
आसमान को छूती हुई तुम्हारी ये उंगलियां
ऐसा लगता है धरा पर चांद उतार लाएंगी ।।-
चंद्रमा रूठा हुआ है
रूठ गया है चंद्रमा न जाने क्यू आज
उसके बिन दीदार से बिगड़े सारे काज़
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समझदार कहानी के
नासमझ क़िरदार हैं हम,
पाँव के नीचे जमीं नहीं
फ़िर भी जमींदार हैं हम ।
न जानें किस बात का ग़ुरूर है हमें
बौखला जाते हैं चंद लम्हों में हम
कि ये नही जानते
ज़िन्दगी के कच्चे कलाकार हैं हम ।-
बड़े दिनों बाद मुझे ये पता चला
की तुम्हारे मन तक पंहुचने का रास्ता
तुम्हारी ये छोटी कोमल उंगलियां हैं,
जिनको चूमने भर से
तुम सिहर सा जाती हो और मचल कर
मेरे पास आ जाती हो
तब मुझे ऐसा लगता है कि
तुम मुझमें समा जाना चाहती हो
अपने अनमोल प्रेम का सागर लेकर ।
तब मैं गर्वित हो जाता हूँ ख़ुद पर
और सोचता हूँ कि मेरे हिस्से में
तुम्हारा वो प्रेम आया है जो
संसार में किसी को नसीब नही होगा ।
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सजायें ख़ुद तय कर लीं हमनें अपने लिए
क्योंकि गुनाह ख़ुद मैंने किया था।-