praveen sharma   (प्रवीण✍️)
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Joined 20 January 2019


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14 MAR AT 22:41

मिट्टी के खिलौने पत्थर हो गए
पत्थर पे कोई सर टकराएगा कैसे
🙇
तन हुआ पत्थर मन भी है पत्थर
कोई प्यार के फूल खिलाएगा कैसे
🙇
तुझे जिसने बनाया उसे समझ न आया
फिर इन्सान तुझे समझाएगा कैसे
🙇
रहती जो मिट्टी तो आशियाना बनाता
कोई पत्थर से घर को बनाएगा कैसै

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13 MAR AT 13:11

किसने मुझको कब रंग लगाया क्या जानूँ
था कोई अपना या कौन पराया क्या जानूँ
*****
सब रंगीन थे रंगों में मैं निद्रा सोया था
सपनों में पिचकारी से रंगों का आँचल धोया था
*****
हर्षित मन प्रफुल्लित था दो पल को मैं क्या जानूँ
कब आँख खुली कब सपने टूटे क्या जानूँ
*****
अरमान यहीं मेरा भी होली सबकी रंगीन रहे
सपने हों साकार सभी के सबक जीवन खुशहाल रहे
*****
🙏होली की हार्दिक शुभ कामनाएँ🙏


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15 DEC 2024 AT 23:36

मां तेरे सहारे भूलने की आदत थी
मुझे मगर
भूला नहीं 16th दिसम्बर2023 मुझे
आज भी याद है आप पंचतत्व में विलीन हो गई
मुझे याद है
खुद खुदा मुझसे कहे चुनो हममें से एक
मां मैं तुमको चुनूंगा दोस्त भी मेरे कम हैं
मां
तेरे आशिर्वाद से मेरी नैया पार है
कम होंगे
भले गिनती के मगर हजारों हजारों
पे भारी हैं मां
यही तो तेरे आशिर्वाद की
चमत्कारी है मां

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9 SEP 2024 AT 19:39

वफादार
दोस्तों के लिए छोड़ देते हैं
मक्कारों की यारी
गिरगिट से
बदलते चेहरे हम पसंद
नहीं करते

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8 SEP 2024 AT 18:49

तू समझै सै तेज घणी ना बेरा पाटै
क्याऐं का
तेरे कमरे मैं महक मेरी ल्याज राखले
ब्याये का
शीशे आगै राज तेरे न्यूं मूॅंह चढ़ कै
बोलैंगे
तेरे बणाए मकड़ जाल के धागे से
खोलैगें

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23 AUG 2024 AT 21:21

घरॉं ठिकाणा रैया नहीं और बाहर जाण न राह कौन्या
घणें लाड लडावै कौण खलावै रही महल मैं माँ कौन्या
😔😔😔
तेरी हालत पै तरस घणा क्यूँ कमा कमा मरग्या
जौड़ जौड़ कै बांँध पौटणी जिनकी खातैर धरग्या
बाट देखरै तेरे मरण की इन्हें तुम्हारी चाह कौन्या
तेरी जैन का जैयोडा करदें कितै बचण का राह कौन्या
घणें लाड लडावै कौण खलावै रही महल मैं माँ कौन्या
😔😔😔
थाली की रोटी कम होगी रिस्तैयाँ का मेल नहीं सै
तेरे अपणे कैहण कैहण के इन तिलाँ मैं तेल नहीं सै
तड़फ तड़फ कै दम लिकड़ैगा मिलै कितै भी छाँ कौन्या
कद लग तू प्रवीण बणैगा के ईश्वर कै न्या कौन्या
लाड लडावै कौण खलावै रही महल मैं माँ कौन्या

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13 AUG 2024 AT 21:22

आंँधी तूफ़ानों में डटकर लहराए शान तिरंगा है
प्राकृतिक रंगो का मन भावन फरमान तिरंगा है
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
सुभाष बोस का सुंदर सपना गगन चुमता लहराए
भगतसिंह ओ शेखर की कुर्बानी का मान तिरंगा है
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिंद जय घोष के नारे गूंज रहे हैं अंबर सारे
नमन इसे हर दिल का है हर घर की शान तिरंगा है
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
जय हिंद
🇮🇳
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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8 JUN 2024 AT 14:16

आज अयोध्या आकर भी श्री रामचन्द्र जी हार गए
जिन्होंने देश निकाला था वो आज भी बाज़ी मार गए
मर्यादा पुरुषोत्तम मर्यादा में मैं दुखी बहुत शर्मिन्दा भी हूॅं
जय जयकार हो चित्रकूट में मैं अयोध्या में भरत रूप में ज़िंदा हूॅं

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17 MAY 2024 AT 23:37

जिंदगी है बेहतर पुलावी
ख्याल हूॅं
खोए हुए अपनों को ज़रा
संभाल लूॅं
जिनके लिए चकमा दिया हर मोड़ पर
राह तकती मौत को
अपने ही हैं कोई और सिर्फ़ ये तो
जान लूॅं

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7 MAY 2024 AT 11:43

खुशियॉ लोट जाती हैं मेरे दर पर पहुंच कर
ऐसी दुःख सुख की जुगलबंदी कहीं देखी नहीं यारो

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