कौन हो तुम –
जो कभी न खत्म हो, वो इंतजार हूं मैं।
उम्मीद से बढ़कर, बेपनाह प्यार हूं मैं।
हूं इस जहां में ,लोगो की आखिरी मुलाकात हूं मैं।
पवित्र स्थलों पे मांगा जाने वाला दुआ भी हूं मैं।
शब्दों में बयां ना हो,अहसास रूपी भाव भी हूं मैं।
जो बर्दास्त न हो वो अश्रु हूं मैं,
सही समझे, अधूरा इश्क हूं मैं।
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