Praveen jharsa   (Pj)
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loves to sing,feels to write,
sayari is my passion,and music is my delight
Joined 29 March 2020


loves to sing,feels to write,
sayari is my passion,and music is my delight
Joined 29 March 2020
19 JUN 2021 AT 23:51

दर्द सिने में है तू हसकर पिता जा,
मरने से सिर्फ तेरे दर्द कम होंगे माँ बाप के नहीं,
इसिलिए बस उनकी खुशी के लिए जीता जा।।

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11 JUN 2021 AT 18:09

कभी सोचा ना था की इस राह पर आ जाऊँगा,
अंजान सा राह है ये फिर भी सुकून मिलता है,
और गीले सिख्वे बचे तो बचे भी कैसे ए खुदा,
अब हर रोज मेरे खुदा(मम्मी पापा) का चेहरा मुझे देख खिलता है।।

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9 MAY 2021 AT 16:47

जन्नत सा सुकून,
मेहनत का जुनून,
गिरने पर होसला,
और गलत पर टोकना,
माँ का किरदार माँ ही निभा सकती हैं,
और पैदा ही ना हुए वो चाहने वाले कभी,
जिस हद तक माँ बच्चे को चाह सकती है।।

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9 MAY 2021 AT 16:32

लिखूँ कुछ आप पर तो क्या लिखूँ,
किन्ही शब्दों से बयान हो ये रिस्ता इतना लाचार नहीं,
और माँ से सच्चा और अच्छा होगा भी क्या,
क्योकि माँ के बिना तो मुमकिन भी ये संसार नहीं ।।

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13 APR 2021 AT 10:50

कमी हैं मेरे जहन की आवाज को,
तेरे लिए मन्नत बनाने में,
क्या अब भी,
कमी हैं मेरी मोहोब्बत से,
तेरी जिंदगी को जन्नत बनाने में,

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29 MAR 2020 AT 15:12

Mt samjo koi bhi mujhe mai kisi ko samjana nhi chahta,
Mere raaste meri soch alag h mai tumhari rahoon me aana nhi chahta,
Jo dard mere h unhe mere hi rehne do mai jtana nhi chahta,
Bs dikhava na kro jhuta koi mai jhuta najrana nhi chahta,

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12 AUG 2021 AT 19:17

दोस्त कहने वाले भी आज कल कहा दोस्ती निभाते हैं,
मन ख्याल और होता है सामने कुछ और दिखाते हैं,
हमसे सब जानना है खुद सब कुछ छिपाते हैं,
क्यों नहीं समझते की कुछ चीजे छिपाने से भी दिख जाते हैं,
और दोस्ती को ना समझने वाले ही खुदको दोस्त बताते हैं।।

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13 APR 2021 AT 10:59

नए मौके का,
और शाम अन्त होगी मौके अनोखे का,
आज कुछ खुद्के लिए करने का सोचा हैं,
या आज का दिन भी है खुद्के लिए धोखे का।।

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10 MAR 2021 AT 23:24

एक अरसे बाद शहर में फिर खुशनुमा सा व्यवहार आया है,
वो छिपा हुआ ईद का चाँद कई महिनों बाद अब बाहर आया है,
और आज दिल ने खुशियों की उड़ान भर ली है फिरसे जनाब,
क्योंकि महफिल में हमारी पुराना जिगरी यार आया है।।

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5 MAR 2021 AT 9:36

अब तो मेरी आदतें भी आदतों में नहीं है,
Adjustment की इस हद तक जा चुका हूँ,
की खुशी मिले तो खुशी वर्ना गम भी सही है।।

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