Praveen Gautam   (Praveen Gautam (Ratan))
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Joined 27 July 2020


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Joined 27 July 2020
1 FEB AT 10:01

मोह माया में सब पड़े
मोह मोह की बात
एक दिन अकेले ही जग
छोड़कर जाना है
क्या भरोसा क्या साथ🙏

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31 JAN AT 13:36

अगर आपकी नाराजगी जायज है
तो मैं अपनी गलती मानूंगा आपको मनाऊंगा
अगर आप का खफा होना जायज है
तो मैं अपनी खता मानूंगा
पर आपकी नाराजगी या खता की वजह
नाजायज है तो मैं ना आपको मनाऊंगा
और आपकी ना समझी को ध्यान में
रखकर आपसे रिश्ता कभी
भी गंभीरता से नहीं निभाऊंगा

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26 JAN AT 14:24

भगवान से की गई प्रार्थना बहुत चमत्कारी होती है बड़ी से बड़ी बीमारी कष्ट दुख दूर हो सकता है पर शर्त केवल एक ही है कि प्रार्थना करने के बाद तिनके के बराबर भी शंका नहीं होना चाहिए, हो सकता है बाद में मन भटकाए मन में शंका आ जाए पर उस शंका को सच न मानते हुए आपके विश्वास की विजय होनी चाहिए।।।।।।।।।

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25 JAN AT 21:37

भक्ति मार्ग में चल रहे हैं तो रामचरितमानस की निम्नलिखित चौपाई जरूर याद रखिए
निर्मल मन जन सो मोहि पावा।
मोहि कपट चल छिद्र न भावा।।।।।।
इस दुनिया में जीना है तो चालाक होना जरूरी है पर भगवान की नजरों में जीना है
तो उपरोक्त चौपाई का पालन करना पड़ता है।।
पर किसी भी बात को समझना बहुत बड़ी समझ है
हर चीज एक बैलेंस में हो तो अच्छी है अच्छाई भी एक बैलेंस में अच्छी है।।
और अच्छाई भी उन्हें सूट करती है जो अच्छाई समझते हैं अतः अपने कर्तव्य पर पहले ध्यान दें परंतु अगर शत्रु भी हो और उसे सच्ची जरूरत है तो उसका साथ जरूर दें पर कोई स्वार्थ सिद्धि के लिए ही आपका प्रयोग करता रहे तो उसे उसी के व्यवहार में समझाने का मतलब यह नहीं है कि आप में कपट आ गया आप अपना मन निर्मल रखिए पर मोह वाश अंधे मत बनिए।।
अगर आपको लगता है कि आपका सरल स्वभाव का गलत उपयोग हो रहा है तो उस चीज को नकार देना या प्रतिकार करना अधर्म नही है।।

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22 JAN AT 17:38

प्रवृत्ति इंसान की बदलना बड़ी मुश्किल है
सही साथी वही है जो आपकी परेशानी समझे
वह भी बिना बताए बताने के बात भी ना समझे
तो फिर ऐसे साथी को समझना ही छोड़ देना चाहिए।।।
सबको सब समझ नहीं आता कई लोगों को स्पष्ट वादिता सरल व्यवहार, समझ नहीं आता।।
तो ऐसे लोगों को समझाना हीं छोड़ देना चाहिए।।

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22 JAN AT 15:27

हारिए ना हिम्मत
बिसारिए ना राम
जय श्री राम🙏🙏

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13 JAN AT 13:28

अभद्र टिप्पणियां
जब कोई व्यक्ति गुलाब के बाग मैं होता है
तो सुगंध स्वतः ही उसकी नासिक में पहुंच जाती है
ठीक उसी प्रकार कोई व्यक्ति अगर गटर के पास
से गुजरे तो तीव्र दुर्गंध भी नासिक में
स्वतः प्रवेश कर जाती है।।
इस प्रकार अगर कोई आप पर बुरी टिप्पणी करें
तो वह कानों तक तो जाएगी,
पर ऐसी टिप्पणी का विरोध ही क्यों करना
क्योंकि गटर को या तो ठक दिया जाता है
या फिर उससे दूरी बना ली जाती है।।।।




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11 SEP 2023 AT 9:39

विरह की तड़प को किसी बिरहन से पूछो
विरह की वीरान रात और अंधेरी हो जाती है
जब प्रेमी के साथ बिताए हुए पालो की याद
मन में बार-बार आती है जाती है।।
उसकी सलामती की चिंता
मन को बार-बार सताती है।।।
पर आखिर यह भी तो रात है ढल जाएगी।।
मिलन का सवेरा होते ही,ये घनघोर कालिमा
रोशनी से सराबोर जगमग हो जाएगी।।

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26 AUG 2023 AT 0:46

तुम क्यों रोते हो अपनी आंखें क्यों बोझल करते हो।।
जो साथ नहीं तुम्हारे वह तुम्हारा था ही नहीं
जो साथ है तुम्हारे वह कहीं खो ना जाए
ऐसा क्यों सोचते हो, तुम क्यों रोते हो
अपनी आंखें क्यों बोझल करते हो।।
तुम्हारी खुशी तुम्हारा,वजूद इन सब बातों से ऊपर है
आखिर यह बात तुम क्यों नहीं समझते हो।।
प्रार्थना है यह हमारी तुमसे की अब
यूं ही कभी रोगे नहीं अपने पावन हृदय को,
बुरी भावनाओं में जकड़ोगे नहीं।।

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25 AUG 2023 AT 0:46

बात कम हो पाए तो मेरा मन भर गया
ये न समझना,,छल दिया हे मेने
ये सोच के आखों को आंसू से ना भिगोना
कर्त्तव्य वा सपने को पूरा करने की
मूझ पे जिमेदारी हे,इस बात को
तुम समझना ये अरज हमारी है
वादा हमारा भी ही तुमसे कि
बात कम हो या ज्यादा मुलाकात
कम हो या ज्यादा पर दोस्ती
का साथ सदा रहेगा
जरूरत पे तुम्हारी ये दोस्त
तुम्हारे साथ खड़ा रहेगा।।।

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