यूं तो कुछ छिपा नहीं उसके मेरे दरमियान,
नज़रों का धोखा नज़र आ जाए तो अच्छा है।-
मुहब्बत मुकम्मल भी होती तो भला कैसे होती,
मेरी बातों में मतलब था, उसकी मतलब की बातें थी।-
अंधेरों को चीर कर कहां तक उजाला जाएगा,
संभालेंगे भी वही तक, जहां तक संभाला जाएगा।
वो शिद्दत भरी निगाह से बस हमको देखता है,
ये वहम भी, और किस हद तक पाला जाएगा।
सबूतों को बड़ी साजिश से पिरोया जा रहा है,
अब ये इल्ज़ाम ना जाने किस के सर डाला जाएगा।
क्यों हर शख्स मुझे अपने मुताबिक बनाना चाहता है,
किस किस के सांचे में हमको ढाला जाएगा।
इजहार-ए-मोहब्बत भी होगी, तो होगी सबके सामने,
बंद कमरों की मुलाकातों को अब टाला जाएगा।
अपनी मीठी तकरार का, जो कभी करता था फैसला,
खत्म करने को रिश्ता, सिक्का भी वही उछाला जाएगा।-
ये गरीबों की बस्ती, वो अमीरों का शहर है,
यहां जुबानें हैं मीठी, वहां गिरेबां में ज़हर है।
इधर इंसानियत की आजमाईश नहीं है,
पल पल हैवानियत की नुमाइश उधर है।-
सुकूं के उजालों में भी अंधेरा ही अंधेरा हो गया,
दिल ने कई मर्तबा रोकना चाहा, फिर भी तेरा हो गया।
उम्मीद थी कि नींद आती तेरे आगोश में मगर,
तू रात आया नहीं और इंतज़ार में सवेरा हो गया।
कौन कहता है वक्त के साथ भर जाते हैं दिल के घाव,
वो सामने आया तो ज़ख्म और भी गहरा हो गया।
मुहब्बत के परिंदे तुम्हारी छत पर उतरे तो उतरे कैसे,
तेरे चाहने वालों का घर पर निगहबानी पहरा हो गया।-
रिश्तो के दरिया में गुजरे वक्त की दुहाई ना दो 'प्रवीन',
मैंने हाथों में समय लिए, समय पर हाथ छोड़ने वाले देखे हैं।-
रिश्तों के दरिया में गुज़रे वक्त की दुहाई ना दो 'प्रवीन',
मैंने हाथों में समय लिए, समय पर हाथ छोड़ने वाले देखे हैं।-
ख़ुदग़र्ज़ सर्द रात में सोके तो देखिए,
कुर्बानियों की याद में रोके तो देखिए।
हौसलों का सिलसिला एक रोज़ टूटेगा जरूर,
आंखों तले के ख्वाब को खोके तो देखिए।
दिल को उम्मीद-ए-नाज़ की कुछ इत्तिला मिले
जिसका कोई हुआ नहीं, उसका होके तो देखिए।
बेशक बदलेगा नज़रिया-ए-मिजाज़-ए-ज़िन्दगी,
चेहरे को धोते रहे, अब आइना धोके तो देखिए।
बाद में कर लेंगे तय कितना सफर है काटना,
पहले हाथों में हाथ डालकर चलके तो देखिए।
ये आपकी अमानत नहीं, है मेरे जुनू का इम्तेहान,
अपना दिल देने का फैसला करके तो देखिए।-
कुछ आदतन भी वो मजबूर रहा,
कुछ फितरत ही उसकी ऐसी थी।
कुछ हमसे टकरा कर वो टूट गया,
कुछ नज़ाकत ही उसकी ऐसी थी।-