Pratush Sinha   (लफ्ज़_ और _यादें)
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22 september 🎂
Insta:pratushsinha22_09
Insta : Lafzauryaadein
Joined 19 May 2019


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20 JAN AT 12:18

Khamoshi ke lafzon me, khawaboo ka safarnama hai
Aankho ke nagari me , aassuon ka dhal Jana h
Zaar -o - Zaar uski har baatein
Zehan me uski yaadon ka ek gharana hai
Jahan me aur bhi dukh h par
Juda ho kar bhi usse kyu ussi ka ho Jana h

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13 JAN AT 22:56

हमने जो की थी मोहब्बत, आज भी है
तेरी ज़ुल्फो के साये की चाहत आज भी है,
रात काट ती है आज भी खयालो में तेरे,
दीवानो सी वो मेरी हालत आज भी है,
किसी और के ख़याल को उठती नहीं,
बेईमान आँखों में थोड़ी सी शराफत आज भी है,
चाह के एक बार चाहे फिर छोड़ देना तू,
दिल तोड़ तुझे जाने की इजाज़त, आज भी है.

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6 DEC 2023 AT 17:41

Zindagi ke kashmakash

Zindagi m uljhne badhti ja rhi h....ya uljhano
se jindagi bharti ja rhi h.....khne ko kuch khas
nhi pr ek shor sa mann me krta ja rha h ... ke kuch uhi har roz ye zindagi mujhse dur hoti ja rhi h.....

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3 APR 2023 AT 21:48

तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ो- नजर को रुला के देखा है
तू नहीं तो कुछ नहीं है तेरे कसम,
मैंने कुछ पल तुझे भुला के देखा है.

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11 JAN 2022 AT 22:10

एक ही ज़िंदगी में

हज़ार सपने लिए घूम रहा हूँ

न जाने कहाँ छुपी है,

मंज़िल जिसे में ढूंढ रहा हूँ

अब तक नाकामी ही हाथ लगी है ,

फिर भी उन्ही हाथ को देखकर

कामयाबी की ओर बड़ रहा हूँ

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27 DEC 2021 AT 8:35

एक ख्वाब सी हो तुम पर सामने आती नही

चाहते हुए भी तुम दिल से जाती नही ।

खुद को खोकर भी देख लिया हमने

और खुद को भुलाकर भी देखा,

पर फिर भी दिल के एहसास तुम भुलाकर जाती ही नही

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25 DEC 2021 AT 22:55

हमारे बीच अब क्या है,में नही जनता
सच बताऊ तो में जानना भी नही चाहता
ये क्या है क्यों है
इसे समझना मेरे बस में नही
या यू कहूँ समझ कर कोई नाम देना नही चाहता, और ये मेरा हक नही है.

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24 DEC 2021 AT 18:30

तुम्हे पाने की चाहत में ,

हम सब कुछ गवा बैठे शायद

पर तुम्हे खिलौने की जरूरत थी

और हम दिल थमा बैठे तुम्हे।

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11 DEC 2021 AT 8:58

शाम-ए-महेफिल!
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं,
देखते हैं उनके पँख थक चुके है,
या अभी भी फड़फड़ाते हैं,
हँसते हैं खिलखिलाकर,
या होंठ बंद कर मुस्कुराते हैं,
वो बता देतें हैं सारी आपबीती,
या सिर्फ सफलताएं सुनाते हैं,
हमारा चेहरा देख वो,
अपनेपन से मुस्कुराते हैं,
या घड़ी की और देखकर,
हमें जाने का वक़्त बताते हैं,
चलो कुछ पुराने दोस्तों के,
दरवाज़े खटखटाते हैं !

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31 OCT 2021 AT 21:56

याद करते है हम यारो की दोस्ती को

यादों से दिल भर जाता है,

कल साथ जिया करते थे मिलकर

आज उन यारों से मिलने को दिल तरस जाता है।

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