जिसे हम सबसे ज्यादा न पसंद करते हैवही क्यों जीने की वजह बन जाते है।। ❣️❣️ -
जिसे हम सबसे ज्यादा न पसंद करते हैवही क्यों जीने की वजह बन जाते है।। ❣️❣️
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जो अपने होते है वो कहा दूर जाने देते हैजो अपने नी होते वो कहा पास आने देते है -
जो अपने होते है वो कहा दूर जाने देते हैजो अपने नी होते वो कहा पास आने देते है
भगवान बदलने से कुछ नी होगा बस जिस भगवान को मानते अ रहेबस उस पर भरोसा रखो समय के साथतुम्हे वो मिलेगा जो तुम्हे चाहिए था।।। जय श्री कृष्णा।। -
भगवान बदलने से कुछ नी होगा बस जिस भगवान को मानते अ रहेबस उस पर भरोसा रखो समय के साथतुम्हे वो मिलेगा जो तुम्हे चाहिए था।।। जय श्री कृष्णा।।
में इतनी क्यों बदल गई तो , अहसान भी आप का है -
में इतनी क्यों बदल गई तो , अहसान भी आप का है
मैं भक्ति लिखूं तुम सुदामा समझना,मैं शक्ति लिखूं,तुम रुक्मणी समझना,मैं सुकून लिखूंतुम राधा समझना,मैं स्वर्ग लिखूंतुम बरसाना समझनामैं मृत्यु लिखूंतुम विंदावन समझना, -
मैं भक्ति लिखूं तुम सुदामा समझना,मैं शक्ति लिखूं,तुम रुक्मणी समझना,मैं सुकून लिखूंतुम राधा समझना,मैं स्वर्ग लिखूंतुम बरसाना समझनामैं मृत्यु लिखूंतुम विंदावन समझना,
अपनी जिंदगी मैं आपके द्वारा ,किए गय,हर फैसले का,दिल से स्वागत,किया है मैंने पर गलत फैसला ,करके कान्हा,मेरी भक्ति,और अपनी शक्ति,पर प्रश्नचिन्ह,मत खड़े करिएगा, -
अपनी जिंदगी मैं आपके द्वारा ,किए गय,हर फैसले का,दिल से स्वागत,किया है मैंने पर गलत फैसला ,करके कान्हा,मेरी भक्ति,और अपनी शक्ति,पर प्रश्नचिन्ह,मत खड़े करिएगा,
मेरे विवाह की लगन ,महाशिवरात्रि में बन जाए, ❣️❣️मेरे तप के फल में मेरा प्रेम, वर रूप में मिल जाए, ❣️❣️और मेरे वर में, भोले तेरे अंश मिल जाए ❣️❣️ -
मेरे विवाह की लगन ,महाशिवरात्रि में बन जाए, ❣️❣️मेरे तप के फल में मेरा प्रेम, वर रूप में मिल जाए, ❣️❣️और मेरे वर में, भोले तेरे अंश मिल जाए ❣️❣️
हरि राय बच्चन जी की मुझे कविता याद हैजो बीत गई सो बात गईजीवन में एक सितारा थामाना वो बेहद प्यार थावह टूट गया तो टूट गयाअंबर के आनंद को देखोकितने इसके तारे टूटेकितने इसके प्यारे छूटेपर पूछो टूटे तारों सेकब अंबर सोक मानता है।। -
हरि राय बच्चन जी की मुझे कविता याद हैजो बीत गई सो बात गईजीवन में एक सितारा थामाना वो बेहद प्यार थावह टूट गया तो टूट गयाअंबर के आनंद को देखोकितने इसके तारे टूटेकितने इसके प्यारे छूटेपर पूछो टूटे तारों सेकब अंबर सोक मानता है।।
सुखों की इच्छा ही दुखों का कारण है -
सुखों की इच्छा ही दुखों का कारण है
में हम तो जीना ही भूल गय -
में हम तो जीना ही भूल गय