Pratima Yadav  
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मैं कोई लेखक नी में तो बस बैठे बेठाय अपने मन की बात उतार देती हूं
Joined 12 January 2021


मैं कोई लेखक नी में तो बस बैठे बेठाय अपने मन की बात उतार देती हूं
Joined 12 January 2021
9 APR AT 20:39

जिसे हम सबसे ज्यादा न पसंद करते है
वही क्यों जीने की वजह बन जाते है।।
❣️❣️

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7 APR AT 20:02

जो अपने होते है वो कहा दूर जाने देते है
जो अपने नी होते वो कहा पास आने देते है

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4 APR AT 23:24

भगवान बदलने से कुछ नी होगा
बस जिस भगवान को मानते अ रहे
बस उस पर भरोसा रखो समय के साथ
तुम्हे वो मिलेगा जो तुम्हे चाहिए था।
।। जय श्री कृष्णा।।

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27 MAR AT 21:08



में इतनी क्यों बदल
गई तो , अहसान भी
आप का है

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19 FEB AT 17:35

मैं भक्ति लिखूं
तुम सुदामा समझना,
मैं शक्ति लिखूं,
तुम रुक्मणी समझना,


मैं सुकून लिखूं
तुम राधा समझना,
मैं स्वर्ग लिखूं
तुम बरसाना समझना

मैं मृत्यु लिखूं
तुम विंदावन समझना,

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12 FEB AT 13:58

अपनी जिंदगी मैं
आपके द्वारा ,
किए गय,
हर फैसले का,
दिल से स्वागत,
किया है मैंने


पर गलत फैसला ,
करके कान्हा,
मेरी भक्ति,
और अपनी शक्ति,
पर प्रश्नचिन्ह,
मत खड़े करिएगा,

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12 FEB AT 8:47

मेरे विवाह की लगन ,महाशिवरात्रि में बन जाए,
❣️❣️
मेरे तप के फल में मेरा प्रेम, वर रूप में मिल जाए,
❣️❣️
और मेरे वर में, भोले तेरे अंश मिल जाए
❣️❣️

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19 DEC 2023 AT 16:27

हरि राय बच्चन जी की मुझे कविता याद है

जो बीत गई सो बात गई
जीवन में एक सितारा था
माना वो बेहद प्यार था
वह टूट गया तो टूट गया
अंबर के आनंद को देखो
कितने इसके तारे टूटे
कितने इसके प्यारे छूटे
पर पूछो टूटे तारों से
कब अंबर सोक मानता है।।




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28 NOV 2023 AT 18:40

सुखों की इच्छा ही
दुखों का कारण है

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22 NOV 2023 AT 20:21



में हम तो जीना ही भूल
गय

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