आज की बाद-ए-सबा में,बेइंतहा अपनापन है।जैसे सदियों बाद,उसे लेकर लौटी हो। - Alfaaz 2020
आज की बाद-ए-सबा में,बेइंतहा अपनापन है।जैसे सदियों बाद,उसे लेकर लौटी हो।
- Alfaaz 2020