Pratika yadav   ((Pratika )✍️)
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Joined 8 April 2020


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Joined 8 April 2020
8 SEP 2023 AT 18:29

मशरुफ में बहुत हुं मगर बेखबर नहीं (2)
ये सोचना गलत है की तुम पर नज़र नही I

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26 MAY 2023 AT 22:21

तुम भी पुछ रहें हाल मेरा ।
तुम्हें तो पता होना चाहिए।

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31 DEC 2022 AT 6:53

कुछ तो था उसकी नज़र में जो कहीं और नहीं देखा !
इन आंखों ने भी उसके शिवा कुछ और नहीं देखा!

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1 DEC 2022 AT 22:54

ये कच्ची उम्र के प्यार भी बड़े पक्के निशान देते हैं ।
आज पे कम ध्यान देते हैं बहके बहके बयान देते हैं ।
उनको देखे हुए मुद्दत हुई ।(2)
और हम अब भी जान देते हैं ।

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21 OCT 2021 AT 11:46

मैं चुप रही तो गलत फामिया बढ़ी , वो भी सुना उसने जो मैं ने कहा भी नही

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9 JAN 2021 AT 19:00

जो चीज वक्त पे ना मिले ।
वो बाद में मिले या ना मिले कोई फर्क नहीं पड़ता।

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15 AUG 2020 AT 16:25

In few words is impossible
It's priceless but precious
Happy independence day

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24 JUL 2020 AT 10:42

सुरज की किरणों सी पाक हैं मोहब्बत
ख़ुद से ना हो तो क्या ख़ाक हैं मोहब्बत।

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15 JUN 2020 AT 16:42

ऐसे तो कोई नही जाता,जैसे तुम चले गये।
क्यों इतना ग़म ,अपने दिल मे छिपा रखा था ।
कुछ तो कह दिया होता ,किसी को बता दिया होता
या किसी से बाते ही कर ली होती, रो लेते कुछ भी कर लेते लेकिन ऐसे तो ना जाते।
क्यों किया तुमने ऐसा।

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4 JUN 2020 AT 12:51

तुम्हारी चाय में कोई जहर दे
बस एक इंसान ही तो मरा हैं
और वो चाय देने वाले तुम्हारे अपने लोग हो
जिसपे तुम सबसे ज्यादा यक़ीन करते हो।
क्या हुआ अगर एक हथनी ही तो मरी हैं
क्या हुआ अगर हथनी के पेट मे पल रहा
बच्चा मरा हैं।
उसे मारने वाले तुम इंसान हो
तुमने इंसानियत को मारा है।
तुमने भरोसे को मारा है।
आज इंसास और इंसानियत दोनो ही शर्म सार हैं।
4/6/2020

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