Pratik Singh Rajput   (Heart touching writter✒✏)
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Joined 9 March 2019


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Joined 9 March 2019
31 JUL 2021 AT 21:51

कि तेरे वादे कुछ इस कदर थे कि मेरे सपने और दुनिया अब बस तुझ तक ही सिमट कर रह गई

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23 APR 2021 AT 1:13

खुशियां मेरी अधूरी है न जाने कौन सी बातें कहना अभी जरूरी है मेरे आंसुओं को ये बातें बताना भी जरूरी है।

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9 APR 2021 AT 6:06

कुछ मोड़ थे ऐसे भी जिंदगी में जहां खुद को भुलाकर न जाने कितनी दफा ये तन्हा रातें उनकी यादों में गुजारी थी ।

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23 FEB 2021 AT 22:57

साथ निभा नहीं पाई तो अपमान मत करो भरी महफिल में मेरा को प्यार यूं बदनाम ना करो

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29 OCT 2020 AT 4:34

कि प्यार मेरा कुछ ऐसा था
लफ़्ज़ों को तराश कर तुझे दिल में उतारा था अपनी खुशियों को भुला कर तुझे खुशियां देने चला था

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21 OCT 2020 AT 0:33


हम अक्सर मिलने आते थे और यही कहा करते कि तुम मेरी तन्हाइयों की खुशियां बनो और मैं तुम्हारे दुखों का मरहम बनूंगा

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10 OCT 2020 AT 3:35

जिनसे हमारी सुबह होती थी आज उनके बगैर शाम हो जाती है जिन से बातें कर सारी तकलीफें दूर हो जाती थी आज उन्हीं से बातें कर तकलीफे बढ़ जाती है क्यों होता है ऐसा प्यार कम हो जाता है या इंसान का नजरिया बदल जाता है

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30 SEP 2020 AT 3:27

क्या फायदा हुआ ऐसी अच्छाई का की खुशियां बांटने वाले को आज खुद खुशियों की जरूरत है नजर उठा कर देख लो क्या कोई तुम्हारे साथ है

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29 SEP 2020 AT 3:27


बिखरे हुए लम्हो को समेट लो जिंदगी खुद से जीना सीख लो कोई नहीं है अपना ये लोगों से कहना सीख लो

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25 SEP 2020 AT 3:16

जवाब दो ना मुझे क्यों मेरे सपनों को सजा कर तोड़ा क्या गलती थी मेरी कि मुझको अपना बना कर छोड़ा

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