वो गानों की प्लेलिस्ट बनाई थी ना तुमने
उन गानों को आज भी सुनता हूं में
जिस लिरिक्स पर तुम्हारा दिल मचल जाता था
वो सारे लिरिक्स आज भी मुझे बखूबी याद हैं
वो तुम्हारी सारी किताबें जो मुझे सुनाने के लिए ली थी
उनको में पढ़ चुका हो दो बार
और हा उन सारी तस्वीरों को में आज भी संभाल रखा हैं मेरे लैपटॉप में
देखता नही हूं पर उन्हें डिलीट करने का मन भी नही करता
लोग मुझे आज भी हाल पूछते रहते हैं तुम्हारा
बोल देता हूं खुश हैं वो, खुश तो होना तुम ?
वो जो शर्ट लिया था तुमने वो अब छोटा हो रहा हैं
फेका नही हैं मैंने बस अलमारी के एक कोने में छिपा रखा हैं
हा छिपाना पड़ा मां को पता चला तो निकल देगी
तुम्हारे लिए जुमखे भी लिए थे मैंने
पर देने में जरा सी देर हो गई
उस गार्डन में अक्सर जाता रहता हूं
जहा हम बैठा करते थे वो बेंच पर अब कोई और आके बैठता हैं
वो जो तुमने घड़ी दी थी वो आज भी वैसी ही है
बस तुम्हारे जाने के बाद सही से वक्त नहीं बताती
वो तुम्हारी बालो की क्लिप मुझे मेरे बैग में मिली
याद आया तब तुम्हे बाल खुले छोड़ना पसंद था
वो हम एक ही इयरफोन को एक एक कानो में लगाकर सुनते थे ना
उसमे भी सिर्फ एक ही काम कर रहा हैं
उसी तरह जैसे हमारे रिश्ते को में संभाल रहा हूं अभी सिर्फ एक तरफा-
Pratik Shelar
(PRATIK)
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FRESHER WRITER
Joined 11 February 2020
28 NOV 2021 AT 17:16
9 MAY 2021 AT 0:32
आज मिल नही रही हैं तस्वीर मां की
आज मुझे भी "mother day" मनाना हैं-
1 APR 2021 AT 21:09
मेरे ज़हन में आने वाली हर एक बात में कागज़ पे लिखना चाहता हू
अखबार या रद्दी बनकर नही , में किताब बनकर बिकना चाहता हू-
29 MAR 2021 AT 20:03
तेरा यूं रंग लगाने के बहाने छूना भी कोई साज़िश हैं
तूने कहा था मुझे, तुझे होली का त्योहार पसंद नही-
24 JAN 2021 AT 19:02
यूं बांधे ना रख तेरी जुल्फों को,
मुझे उन्हें तेरे कानो के पीछे लगाना है
-
16 JAN 2021 AT 22:06
एक समुंदर सा बहता रहता है मेरी गहराईओ में
में ख़ामोश हूं , मुझे ख़ामोश ही रहने दो-
7 JAN 2021 AT 22:53
ज्यादा पढ़ी लिखी नही है मां मेरी
एक रोटी मांगू तो दो दे देती है❤️-
16 DEC 2020 AT 14:34
सिर्फ नाम लिखता हूं तेरा डायरी में
मोहब्बत सी हो जाती है शेरो शायरी में ...-
15 DEC 2020 AT 10:10
तेरी बातों की, मुलाकातों की कोई ज़रूरत नहीं मुझे
मैंने ख़्वाबों में चाहा है तुझे हकीक़त से ज्यादा...-