जब हम साथ थे,दिल आबाद थे,औरहाथों में एक दूसरे के हाथ थे।जहां बस उस दौर की यादें बाकी है। -
जब हम साथ थे,दिल आबाद थे,औरहाथों में एक दूसरे के हाथ थे।जहां बस उस दौर की यादें बाकी है।
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चाहता हू भुला दू तुम्हें,इस दिल के पन्नों से मिटा दू तुम्हें।पर तुम्हें तो पता ही है,की हमारी चाहत कभी पूरी ही नहीं होती। -
चाहता हू भुला दू तुम्हें,इस दिल के पन्नों से मिटा दू तुम्हें।पर तुम्हें तो पता ही है,की हमारी चाहत कभी पूरी ही नहीं होती।
वों जो तुमने भेजी थी।एक तो इतनी मशक्कत के बाद एक पूरा पन्ना लिखा था तुमने,कुछ अपने बारे में तो कुछ मेरे बारे में और कुछ बातें तो हमारे बारे में भी लिखा था तुमने।कुछ शब्द हिंदी में तो कुछ शब्द अंग्रेजी में भी लिखा था तुमने,जो बातें तुमने कभी कहीं नहीं थी फोन पर वो सब भी लिखा था तुमने।माना कि आजकल चिट्ठियों का ज़माना नहीं रहा,पर मेरे पास तुम्हारा दिया हुआ उन चिट्ठियों के सिवा और कुछ था भी तो नहीं।हां चिट्ठियां खो गई,वो जो तुमने भेजी थी। -
वों जो तुमने भेजी थी।एक तो इतनी मशक्कत के बाद एक पूरा पन्ना लिखा था तुमने,कुछ अपने बारे में तो कुछ मेरे बारे में और कुछ बातें तो हमारे बारे में भी लिखा था तुमने।कुछ शब्द हिंदी में तो कुछ शब्द अंग्रेजी में भी लिखा था तुमने,जो बातें तुमने कभी कहीं नहीं थी फोन पर वो सब भी लिखा था तुमने।माना कि आजकल चिट्ठियों का ज़माना नहीं रहा,पर मेरे पास तुम्हारा दिया हुआ उन चिट्ठियों के सिवा और कुछ था भी तो नहीं।हां चिट्ठियां खो गई,वो जो तुमने भेजी थी।
ये प्यार, इश्क़ और मोहब्बत अगर जो तुमसे ना हो।किस काम के है,ये दिल के जज्बात अगर जो तुम्हारे लिए ना हो।किस काम के है,ये दिन और रात अगर जो तुम साथ ना हो।और किस काम की है ये जिंदगी अगर इसमें तुम ही ना हो। -
ये प्यार, इश्क़ और मोहब्बत अगर जो तुमसे ना हो।किस काम के है,ये दिल के जज्बात अगर जो तुम्हारे लिए ना हो।किस काम के है,ये दिन और रात अगर जो तुम साथ ना हो।और किस काम की है ये जिंदगी अगर इसमें तुम ही ना हो।
मैंने कभी नहीं चाहा था कि मुझे कभी मोहब्बत हो क्यूंकि,मैंने मोहब्बत को कई बार नीलाम होते देखा था।इस जालिम दुनिया में इश्क़ को सरेआम बदनाम होते देखा था।किसी को दिल तोड़ते तो किसी का दिल टूटते देखा था।वर्षों की मोहब्बत के बाद भी साथ छूटते देखा था।हां मुझे पता था कि इस मोहब्बत का अंजाम क्या होता है पर,एक दिन आखिरकार मुझे भी मोहब्बत हो ही गया।और मेरे साथ भी बस वही सब हुआ जो मैंने कभी चाहा नहीं था।हां मैंने कभी नहीं चाहा था कि मुझे भी कभी मोहब्बत हो... -
मैंने कभी नहीं चाहा था कि मुझे कभी मोहब्बत हो क्यूंकि,मैंने मोहब्बत को कई बार नीलाम होते देखा था।इस जालिम दुनिया में इश्क़ को सरेआम बदनाम होते देखा था।किसी को दिल तोड़ते तो किसी का दिल टूटते देखा था।वर्षों की मोहब्बत के बाद भी साथ छूटते देखा था।हां मुझे पता था कि इस मोहब्बत का अंजाम क्या होता है पर,एक दिन आखिरकार मुझे भी मोहब्बत हो ही गया।और मेरे साथ भी बस वही सब हुआ जो मैंने कभी चाहा नहीं था।हां मैंने कभी नहीं चाहा था कि मुझे भी कभी मोहब्बत हो...
की मोहब्बत इतनी आसान नहीं होती।क्यूंकि अगर इतनी आसान होती तो,अबतक किसी और से जरूर हो गई होती।कोई उसको बताए... -
की मोहब्बत इतनी आसान नहीं होती।क्यूंकि अगर इतनी आसान होती तो,अबतक किसी और से जरूर हो गई होती।कोई उसको बताए...
की अब आगे क्या होगा, इसकी परवाह ना करें।बहुत जी लिया डर के, तरस के और परवाह कर के,आखिर कब तक जीयेंगे हम यूं तन्हा होके।अंज़ाम जो भी हो, अब आगाज़ तो करना होगा,हमें मिल के एक साथ लड़ना होगा।जो जीत गए तो जिन्दगी गुलज़ार होगी,वरना हारे हुए तो हम कब के है... -
की अब आगे क्या होगा, इसकी परवाह ना करें।बहुत जी लिया डर के, तरस के और परवाह कर के,आखिर कब तक जीयेंगे हम यूं तन्हा होके।अंज़ाम जो भी हो, अब आगाज़ तो करना होगा,हमें मिल के एक साथ लड़ना होगा।जो जीत गए तो जिन्दगी गुलज़ार होगी,वरना हारे हुए तो हम कब के है...
काहें की आजकाल लोग ईहे करत बा।केहू फेसबुक पर ता केहू इंस्टाग्राम पर,बस धड़ाधड़ अपलोड करत बा।केहू फोटो खींच के खुश बा त केहू फोटो खींचा के,केहू फोटो लाइक करके त केहू ओह पर कॉमेंट करके।केहू मेमोरीज बनावत बा ता केहू कैंडिड पोज देता,सोशल मीडिया के एह दौर में सब कोई धड़ल्ले से लागल बा। बस इहें कुल में लोग आजकल एतना अझुरा गइल बा,की सही में जिनगी जिए कहीं भुला गइल बा... -
काहें की आजकाल लोग ईहे करत बा।केहू फेसबुक पर ता केहू इंस्टाग्राम पर,बस धड़ाधड़ अपलोड करत बा।केहू फोटो खींच के खुश बा त केहू फोटो खींचा के,केहू फोटो लाइक करके त केहू ओह पर कॉमेंट करके।केहू मेमोरीज बनावत बा ता केहू कैंडिड पोज देता,सोशल मीडिया के एह दौर में सब कोई धड़ल्ले से लागल बा। बस इहें कुल में लोग आजकल एतना अझुरा गइल बा,की सही में जिनगी जिए कहीं भुला गइल बा...
जिसे शायद भुला दिया था दिल ने,आज फिर याद आ गया।मैंने भी बहुत कोशिश की खुदको समझाने की,पर एक बार फिर वो इस दिल को भा गया।वो लम्हें, वो बातें, वो रातें और सारी मुलाकातें,सब एक टक से नज़रों के सामने छा गया।और एक बार फिर दिल उसकी यादों में कहीं गुम हो गया। -
जिसे शायद भुला दिया था दिल ने,आज फिर याद आ गया।मैंने भी बहुत कोशिश की खुदको समझाने की,पर एक बार फिर वो इस दिल को भा गया।वो लम्हें, वो बातें, वो रातें और सारी मुलाकातें,सब एक टक से नज़रों के सामने छा गया।और एक बार फिर दिल उसकी यादों में कहीं गुम हो गया।
Oh my dear...What if tonight is the last night we have.Will you still think about the society?Will you still not give it a try?Will you still not be mine? -
Oh my dear...What if tonight is the last night we have.Will you still think about the society?Will you still not give it a try?Will you still not be mine?