Pratik Dasgupta  
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Joined 29 August 2016


Joined 29 August 2016
17 JUL 2021 AT 22:40

मौला मौत से पहले बस दो हो आरजू है
या अपना असली चेहरा दिखा दे या माशूक का

खैर तुझसे तो मिलना ही होगा इंतकाल के बाद
बस यूं कर माशूक को बेनकाब कर दे

वह क्या है न तू अगली बार भेजेगा मुझे
तो कमसे कम अपनो पर कत्ल का इल्ज़ाम नहीं होगा।।

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13 JAN 2017 AT 23:21

Jah Bhagwan tu bhi try karke dekhle
Even you can't stop a women's parley

Har koshish kar jab tu thak har le
Then you would realise how pleasant is the noise from a Bullet or a Harley

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13 OCT 2016 AT 10:14

You are not alone if your WhatsApp messages have blue ticks.

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22 NOV 2021 AT 22:33

खुदगर्जी किसे कहते हमसे पूछिए सनम

टूट के बिखरते तो कई लोग है

लेकिन जो खुद को आज भी समेत रहे हैं

उन बदनसीबों मैं है हम।

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18 NOV 2021 AT 22:58

True insanity isn't when the world stops seeing "sense" in you

It rather is when you stop seeing sense in this "world"

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12 NOV 2021 AT 21:45

पता नही शराब क्यों बदनाम है

मैं तो पीने के बाद अपने गुनाह जोड़ता हूं
और अक्सर अपने अहम को तोड़ता हूं
कभी पुराने गलतियों की माफी मांगता हूं
और अपने खुदगर्जी के लिए खुद को सूली पे टांगता हूं।।

यूं तो ऐब सारे हम में है
और कहने को शराब बदनाम है।।

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6 NOV 2021 AT 22:24

ग़ालिब भी कुछ अजीब ही होंगे

या तो जीने पे याद आते है
या तो पीने पे

पर जो भी है ग़ालिब
साथ नही छोड़ते है आप

इसलिए रहते है हम आपके
हमेशा मुरीद !!

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10 OCT 2021 AT 22:53

बारिश ने आज छत को उसकी औकात बता दी
पर हमने भी बारिश से न हारने की जिद दिखा दी

यूं तो बारिश को बहुत से पतीले में कैद कर लिया हमने
पर पता नही क्यों आंसू और जज़्बात सब भिगोए जा रहे हैं

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10 SEP 2021 AT 23:08

तेरी बात झूठी निकली आखिर
कहती थी तू की काले बादल हमेशा बारिश लाते है

तेरे जाने के बाद दिल से ये काले बादल हटते ही नही
पर आखें अब भी बूंदे बरसाने को नाकाम है

पता नही तेरी झूठ से ज्यादा परेशान हूं मैं
की अपनी खुदगर्जी देख हैरान है।

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28 JUL 2021 AT 23:18

इश्क में अपने अक्स को ढूंढता इंसान
अपनी पहचान अश्क को बना घूम रहा है।

सवाल तो उसे माशूक से पूछने थे पर
अब अपने खुदा से जवाब ढूंढ रहा है ।

यूं तो ख्वाब देखे के साथ जीने के
पर आज मौत को अकेले ढूंढ रहा है।।

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