11 JUN 2021 AT 22:56

न तेरा न मेरा ये वक़्त का कसूर है
छाया जो मुझ पर मोहब्बत का फ़ितूर है,
चढ़ती नहीं हर शराब यूँ मुझको ऐ सनम
न जाने कैसे चढ़ गया तेरा ये सुरूर है...

- ©raghav