Pratignya Pradhan   (Cashew nut)
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Joined 12 February 2019


Joined 12 February 2019
7 FEB 2023 AT 23:20

काश...
एक सुबह ऐसा आजाए
आंख खुले तो तेरी बाहों में लिपटी मिलु..
मालूम है मुझे ये सच नहीं हो सकता
काश ऐसा एक ख्वाब ही आजाए ..।
सुना है सुबह का ख्वाब सच होते है..
काश ये ख्वाब सुबह को आजाए..।
ख्वाब में सही
काश तू मेरा हो जाए...।

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7 FEB 2023 AT 22:41

एक सुबह ऐसा आजाए
आंख खुले तो तेरी बाहों में लिपटी मिलु..
मालूम है मुझे ये सच नहीं हो सकता
काश ऐसा एक ख्वाब ही आजाए ..।
सुना है सुबह का ख्वाब सच होते है..
काश ये ख्वाब सुबह को आजाए..।
ख्वाब में सही
काश तू मेरा हो जाए...।

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6 FEB 2023 AT 8:00


सुनो तो ,एक वादा करो
मेरे जाने के बाद ....
मुझे दिल से न उतारोगे
किसीको मेरी जगह न दोगे ..।
सोचो तो जरा...!
गोपियां तो कृष्ण के भी बहुत थे
पर कृष्ण बस राधा को ही
दिल में बसाए थे..।

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4 FEB 2023 AT 17:33

मैं ये नहीं कहती कि रुक ​​जाओ मेरे पास
सदा के लिए..!
बेशक चले जाना तुम
समंदर हो तुम तुम्हें मैं रोक नहीं सकती..
जितना प्यार मैंने किया
उससे ज्यादा तुम मुझे दे गए
कुछ मीठी यादें, कुछ उम्मीदें और
ये ढेर सारा प्यार...
जो मेरे अंदर बस गया सदा के लिए...।
दुआ करना कभी आश न जगे तुम्हें पाने की..!
क्योंकि तुम्हें पा नहीं सकती सदा के लिए...।
समंदर हो तुम, तुम्हें मैं रोक नहीं सकती सदा केलिए।
कभी मेरी याद आए तो बेशक चले आना,
मैं वहीं मिलूंगी..जहां तुम छोड़ गए मुझे
सदा केलिए....
वादा करो तुम फिर मिलोगे
आओगे एक दिन फिर मेरे पास
और रह जाओगे मेरे बनके सदा केलिए...!
मैं करती अगले जनम साथ निभाने की वादें
पर अगला जन्म किसने देखा है
चलो इस जन्म की बातें करते हैं...यही हकीकत है..,
तुम मुझे मिल नहीं सकते सदा के लिए...।
संजोत लिया है मैंने तुम्हें अपने अंदर सदा के लिए...।
कभी याद आऊंगी मैं तो मुस्कुरादेना ..
वक्त मिले जिंदगी से कभी आजाना मिलने मुझसे ,
बस एक बार गले लगा लेना...।
मेरी तमन्ना थी
तुम्हारी बाहों मैं कुछ देर सिमट जाने की
बस इतनी सी ख्वाहिश मेरी पूरा कर देना
मुझे भी बसा लेना दिल के एक कोने में
सदा के लिए....।

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15 FEB 2019 AT 22:42

Heavenly God
Give peace to their soul😢🙏

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13 FEB 2019 AT 11:36

औरत की परिभाषा

औरत की परिभाषा है मोमबत्ती। मोमबत्ती खुद को जला के अंधेरे में रोशनी पैदा करती है लेकिन वह यह नहीं सोचती कि वह जलके अपने आप को खत्म कर रही है उसी तरह औरत भी अपने बारे में बिना सोचे दूसरों की भलाई करती रहती है। वह यह नहीं सोचती कि दूसरों का भलाई करने से मेरा क्या फायदा है , वह उसी में ही अपनी खुशी देखती है। जैसे मोमबत्ती अंधेरे मिटने तक खुद को जलाती रहती है उसी तरह औरत भी जिंदगी भर दूसरों को संभालती रहती है और खुद से खुद की रिश्ता भुला के दूसरे रिश्तो को संभालने लग जाती है खुद से ज्यादा दूसरों की ख्याल रखती है और उन्हीं को संभालने में ही उसकी पूरी जिंदगी चली जाती है ।
लेकिन सब कहते हैं कि यह उसकी कर्तव्य है।
क्या उसकी यह कर्तव्य नहीं है कि वह अपने बारे में भी सोचे ,अपने लिए कुछ करें?
मोमबत्ती ही औरत का सही परिभाषा है क्योंकि मोमबत्ती जले बिना क्या रोशनी मिटा सकता है.! नहीं ..

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12 FEB 2019 AT 11:12

O' girl
why are you so sad,
Follow your dreams
And go ahead.

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