Pratibhamayee Tandi   (Pratibhamayee Tandi)
622 Followers · 21 Following

Find me on Insta through the given link⤵️
Joined 16 February 2019


Find me on Insta through the given link⤵️
Joined 16 February 2019
18 SEP 2022 AT 17:00

ये दरवाज़े हमसे अब रूठे हुए हैं
हर बार तोड़े गए, तो टूटे हुए हैं
कर रहे मरम्मत अब हम दरवाज़े की
कि चंद ही लम्हें घर पर छूटे हुए हैं।

-


16 SEP 2022 AT 4:13

ये बीमार बादल बस बिस्तर पर पड़े रहे
बुलावे आते जाते, ये नींद पर अड़े रहे ।
मेरा घर कहता "बस अब जाग जाओ,
मेरा बिस्तर छोड़ कहीं भाग जाओ ।
मेरे झरोखों से तुम दूर हट जाओ
गरजना मत, बस अब फट जाओ ।"
देखो! आज ये बात मेरी मान गए हैं
बरसना सही है ये जान गए हैं ।
ये मेरी खिड़की के काँच आखिर टूट ही गए
बांधे पूल के पत्थर फिर फूट ही गए ।
गीला है घर मेरा अब और आना मत
ये दरवाज़े भी मुझसे अब रूठ ही गए ।
ये कहते हैं कि इन्हें अब बंद ही रहने दूँ
ना खुद कुछ कहूँ ना किसीको कहने दूँ ।
है कलम भी कहती कि सैलाब बहने दूँ
लिखना विखना छोड़ अब बस रहने दूँ ।

-


16 JUN 2022 AT 7:46

A sunflower falls for the moon.

-


15 JUN 2022 AT 8:36




One day before going back to hostel after vacation , me (hosteller):

-


15 JUN 2022 AT 8:29




My brother after every small fight:





-


13 JUN 2022 AT 13:58

यूँ जो लेटे लेटे ख़्वाब देखती हो वो आ जाता है क्या
अश्क ए चश्म से सपने सेंकती हो वो आ जाता है क्या

सुना है मीलों दूर रहता है वो
ये जो फोन को गले लगा लेती हो वो आ जाता है क्या

ना तो तार ना ही कोई ख़त
ये जो डायरी में नाम लिखती हो वो आ जाता है क्या

इंतज़ार बड़ा करती हो तुम
ये जो आएगा आएगा करती हो वो आ जाता है क्या

-


6 MAR 2022 AT 0:32

आखिरकार इक बसर सर-ब-सर चाहिए
हर कमरे पे मुझे मेरा असर चाहिए।
शायद मेरे घर चराग़ों का जलना अब मयस्सर नहीं
पर चाहिए इक लौ, भले बेअसर चाहिए।
झूठे लगते हैं मुझे ये खूबसूरत मकानें अब
मेरे बसर में कुछ तो मुझे कसर चाहिए।
बहुत महकाए कमरे सूखे गुलों से अबतक
हर चौखट पे मुझे मेरा अतर चाहिए।
देख लो जमी धूल फर्श पर, फिर घर करना
कि मुझे आगे ना अगर ना मगर चाहिए।
सुना है चलते हैं ये पैर मंज़िलों तक ही
मुझे मंज़िलों से आगे इक सफ़र चाहिए।
घर अंधेरा है मेरा तो क्या!
मुझे रौशन सा मेरा इक क़बर (क़ब्र) चाहिए।
हाँ मालूम है आग की औकात नहीं
बस ज़रा सी लौ भर पसर चाहिए।
बड़े बेताब हो 'बेबाक' तुम ख़ाक होने को
जल्दी ही तुम्हें अब हशर (हश्र) चाहिए।
— % &

-


24 FEB 2022 AT 19:48

.... and it came again,
with the same needle
piercing there every vein.
Yes, there in the abdomen
Oh! With pain she is dying
Under the blanket she is crying— % &

-


19 JAN 2022 AT 16:43

ज़िन्दगी मौत का मेल
कभी चलता तो कभी थमता है
जैसे पटरियों पे हो कोई रेल ।

-


19 JAN 2022 AT 10:43

ज़रा सी लौ के आगे टिकती क्यों नहीं
यूँ तो है आम सी; फिर दिखती क्यों नहीं
ऐ झूठी कलम, झूठा तेरा नाम 'बेबाक'
छोड़ इस्ति'आरे, हकीकत तू लिखती क्यों नहीं

-


Fetching Pratibhamayee Tandi Quotes