Pratibha Tripathi   (प्रतिभा)
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Birth date 2nd January
Joined 20 May 2022


Birth date 2nd January
Joined 20 May 2022
28 APR AT 1:39

कुछ न कुछ तो करो प्रयास
मत छोड़ो उम्मीद का हाथ
कोई ख्वाहिश टूटी है
जिंदगी थोड़ी रूठी है
थोड़ा चलना, थोड़ा थकना
जरुरत हो तो थोड़ा रुकना
माना मन के अनुसार नहीं
पर शायद औरों से कुछ ज्यादा ही
मिला है ये जो वो कम तो नहीं
निराश न हो रखो विश्वास
बांकी है जीवन से आस
कुछ न कुछ तो करो प्रयास
मत छोड़ो उम्मीद का हाथ

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27 APR AT 2:41

दिल में इश्क भरा है
वो इंसानियत पे अड़ा है
हर जीव को लेकर उसके मन में बस दया है
सबकी शिकायतें, खुशियाँ, दुःख, इच्छाएं सुने
एक ही नज़र से देखे सबको किसी एक को न चुने
स्वार्थ की दुनियां में वह निःस्वार्थ इश्क लिए खड़ा है
वह छोटा नहीं बड़ा है
उसके दिल में इश्क भरा है
हां, समझे सभी ठीक ही हैं
वो ईश्वर है मानव थोड़े ही
जिसके दिल में इश्क भरा है
वह छोटा नहीं बड़ा है
जिसके दिल में इश्क भरा है

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5 APR AT 14:26

जब कुछ अच्छा न लगे
तो जरूर कुछ अच्छा लग चुका है
तुम्हारी बेचैनियां बढ़ने वाली हैं
तुफानों का कारवां तुम तक चल पड़ा है
बेहतर है अभी रुक जाओ
मन न भी लगे तब भी लगाओ
तुम्हारा दिमाग गवाही दे रहा है
उसकी बात मान जाओ
समय अभी अवसर दे रहा है
वरना ये भला कहां किसी के लिए रुका है
जब कुछ अच्छा न लगे
तो जरूर कुछ अच्छा लग चुका है

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5 APR AT 14:14

हमारे बस का नहीं है यार

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30 MAR AT 22:20

किसी की जिंदगी का फैसला कोई और करता है
वो सहमा हुआ जीता है, वो हर शख्स से डरता है
लोगों की भीड़ में उसे सभी अपने लगते हैं
दुनिया को कौन बताए वो सबकी फिक्र करता है
वो डरता नहीं है बस अपनो की कद्र करता है
और लोगों ने उसे कमजोर मान लिया
विश्वास उसका रखा गिरवी और आदेश दिया
अपनी डोर उसने खुद ही दे दी सबको,
और उन्हें लगता है
किसी की जिंदगी का फैसला...
क्या हो जो उसका सब्र टूट जाए
क्या हो जो वो अपनत्व भूल जाए
क्या हो जो वो क्या है सबको दिखलाए
शायद लोगों का भ्रम ही टूट जाए
या शायद उनका अहंकार भी मर जाए
पर वो जाने कहां से इतना सब्र लाता है
इतने पर भी वो केवल मुस्कुराता है
शायद उसकी यही अदा पर ईश्वर भी मरता है
और लोगों को लगता है
किसी की जिंदगी का फैसला...

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26 MAR AT 22:55

परिस्थिति स्थिति बदल देती है
स्थिति मन की, स्थिति जीवन की
और परिर्वतन प्रारम्भ हो जाता है
जो अपने साथ पीड़ा लेकर आता है
कुछ कष्ट सह लिए जाते हैं
और कुछ दूसरों पर थोप दिया जाता है
क्योंकि हर कष्ट सहा नहीं जाता है
और फिर नव जीवन अंकुरित होता है
नवीन सोंच, पुरानी खरोंच, और कुछ उत्साह
जो मनु को और सबल कर देती है
परिस्थिति स्थिति बदल देती है...

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14 MAR AT 0:51

विदाई एक परंपरा
गतिशीलता का प्रतीक है
कुछ पुरानी यादें, कुछ सीख लेकर
हम आगे बढ़ जाते हैं
कुछ नया करने की उम्मीद में
जीवन की एक और नई सीढ़ी चढ़ जाते हैं
और पीछे छूट जाते हैं कुछ रिश्ते
कुछ नम हुई आंखें, कुछ पुरानी बातें
कुछ लोग बन जाते फिर अतीत हैं
विदाई एक परंपरा
गतिशीलता का प्रतीक है

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14 MAR AT 0:41

एक बार ही मिले थे हम
बस कुछ पल के लिए
और अभी तक वो बातें याद हैं
क्या होता अगर
दुबारा फिर मिले होते
शायद कुछ नहीं
क्योंकि ये अहसास तो बस मुझे हुआ
तुम तो बेखबर इस बात से खुद में ही गुम थे
कि तुम्हारी ना ने बहुत कुछ बदल दिया
क्या होता अगर
तुम हां कर देते
शायद कुछ नहीं
एक समझौता ही होता जो और तकलीफ देता
क्योंकि मन जो तुम्हारा कहीं और था
क्या होता अगर..
खैर ये सोंचना भी अब बेकार ही है
पर इस दिल को समझाए कौन
हर बात के बीच में यही बात सोंचता है ये कि
क्या होता अगर...

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12 MAR AT 22:45

मुझको अनसुना मत करना
मैं जीवन में एक बार ही बोलता हूं
बात मान ली तो तुम्हारा जीवन सफल
वरना जीवन भर जलाऊंगा, कर दूंगा सब निष्फल
सुनी ये आवाज एक दिन अचानक
सहम गई, कुछ देर बाद समझ आया
ये आवाज मेरे ही अंतर्मन की है
जैसे परमात्मा का हो आदेश
और उस पर दोनों मन की मंत्रणा
कहती है मुझको अनसुना मत करना

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10 MAR AT 0:16

ख़्वाब देखना गुनाह नहीं
पर ख़्वाब से इतर हकीकत नजरंदाज करना गुनाह है
किसी के दिए दर्द ने इस तरह घायल किया हमें
कि दिल के हर जस्बात का कत्ल कर दिया हमने
इस दर्द को मुस्कुराहट में छिपाए बैठे हैं
दिल की हर बात को दिल में दबाए बैठे हैं
और उन्हें तो अंदाजा ही नहीं इस बात का
कि उनकी हर बात को अब दिल से मिटाए बैठे हैं
सभी को बस इतनी हिदायत देते हैं अब
कि ख़्वाब देखना गुनाह नहीं
पर ख़्वाब से इतर हकीकत नजरंदाज करना गुनाह है

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