बहुत कुछ देखना और सहना पडा़ न मेरी वजह से
इसलिए अब तू इतना बदल गया हैं-
15 जुल... read more
जानते हों
बहुत दर्द होता है मुझे
तेरी बातों में जब परायापन महसूस होता हैं-
जिसके करीब रहना चाहती थी
दूर हो रहीं हूं उससे
पता नहीं मैं गलत थी या
वक्त ही गलत था
सब बिगड़ता जा रहा हैं
जिसे ठीक करना चाहती थी-
आपसे प्रेम करके प्रेमिका रहना चाहती हूं,
जिसमें विरह तो होता हैं लेकिन ब्रेकप कभी नहीं होता!-
जानते हो कन्हैया
आज कल तन्हाई मेहसूस होती हैं
फिर भी किसी के प्यार पाने की
ख्वाहिश नही मुझमें
अकेला पन महसूस होता हैं मुझे
फिर भी किसी का साथ पाने की
ख्वाहिश नहीं मुझमे
लोग वक्त के साथ बदल जाते हैं
अब किसी से उसका वक्त मांग सकूं
इतनी हिम्मत नहीं मुझमे-
तेरी जिंदगी नहीं हूं फिर भी मैं
तेरी कहानी का एक किरदार कहलाऊंगी॥
कभी अनायास ही मैं तेरे लबों की हसीं मुस्कान
बनकर बिखर जाऊंगी॥
कभी तेरी आंखो की नमी बनकर
छलक जाऊंगी॥
तन्हा अकेला रहेगा जब कभी ,
तेरी यादें बनकर तुझमें सिमट जाऊंगी॥
तेरी धड़कन में नाम किसी और का होगा,
फिर भी कभी कभी अनायास ही आकर में धड़क जाऊंगी॥
बिन वजह ही तू मुस्कुरा देगा,
जब कभी तेरी सांसों में सूकूं का एहसास बनकर मैं महक जाऊंगी॥
तू पूरा का पूरा किसी और का हो जायेगा,
फिर भी तेरी जिंदगी की किताब का एक पन्ना सिर्फ मेरा होगा॥
सुन इतना हक तो दे दे मुझे,
मेरा किस्सा कोई काल्पनिक किस्सा न रह जाये॥
तेरा संपूर्ण अस्तित्व किसी और का हो तब भी चलेगा मुझे
बस मेरे अस्तित्व का एक हिस्सा सिर्फ तेरा रह जाये॥
सिर्फ तेरा रह जाये...!!-
अब हक नहीं जताती
शिकायते नही करती
खमोश हो गई हूं मैं
पहले जैसी नहीं हूं अब
शायद कहीं खो गई हूं मैं!-
तेरी आंखियों की चंचलता में,
मैं अक्सर खो जाती हूँ॥
तेरे लबों की मुस्कुराहट देखकर,
तेरी हो जाती हूँ॥
फिर यदि तू छेड़ दे तान मुरली की,
तेरे रंग में रंगकर सांवरे,
मैं राधा से कृष्ण हों जाती हूँ॥-
न मोहब्बत न दोस्ती के लिये
वक्त रुकता नहीं किसी के लिये
अपने दिल को न दुख दे यू ही
इस जमाने की बेरुखी के लिये
वक्त के साथ- साथ चलता रहे
यही बेहतर हैं आदमी के लिये !-
सुनों..
दुनिया की नजरों में
ये मोह या आकर्षण हो सकता हैं
लेकिन मेरा हृदय जानता हैं
मैं तुमसे अनंत प्रेम करती हूं..!!-