💟प्रतिभा उवाच💟
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जिंदगी में हमको अपने ही छल जाते हैं...
मौसम की तरह अक्सर लोग बदल जाते हैं
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लेखिका--प्रतिभा द्विवेदी उर्फ मुस्कान©
सागर मध्यप्रदेश ( 14 जून 2019 )
मेरी यह रचना पूर्णता स्वरचित मौलिक व प्रमाणिक है सर्वाधिकार लेखिका के हैं इसके व्यवसायिक उपयोग के लिए लेखिका की लिखित अनुमति अनिवार्य है धन्यवाद ।- प्रतिभाद्विवेदी मुस्कान©
14 JUN 2019 AT 14:49