तेरी बाहों की संदली गिरह में
मैं इत्र सी महक जाती हूँ
मेरी धड़कन लरजती जुबां में
एक नज्म कहती जाती है- Pratibha chauhan
11 FEB 2020 AT 15:51
तेरी बाहों की संदली गिरह में
मैं इत्र सी महक जाती हूँ
मेरी धड़कन लरजती जुबां में
एक नज्म कहती जाती है- Pratibha chauhan