सही बात है कि ढूंढने से तो भगवान भी मिल जाते है और मुझे तो मिल भी गए क्योंकि मेने उनको दिल लगा
कर अपने अंदर ही ढूंढा लेकिन तुमको मैंने दिमाक लगाकर इस दुनिया मे खोजा है।।
पता नही मैं पागल या तू पागल........
~Pratham bhardwaj-
मेरी दीदी प्यारी दीदी
सबसे अच्छी न्यारी दीदी
हम संग स्कूल जाया करते
हम संग घर को आया करते
उसने मुझको है सिखलाया
मैं करता कुछ गलत तो
उसने मुझको सही बतलाया।।
~प्रथम भारद्वाज✍️-
(धिक्ततान्च तंच मदन्च इमान्च मान्च)
धिक्कार है उन कामदेव को जिसने यह सारा काम का कुचक्र चलाया।
।।नीतिशास्त्र।।
-
ए ~कलम तूने मुझे जीना सिखाया है,
सही गलत तो पता था।
मुझे लेकिन तुने सही पर चलना सिखाया है।।
~प्रथम भारद्वाज✍️-
दर्द-ए- जिंदगी से
जश्ऩ- ए-जिंदगी हो गई।
जब से मेरी जिंदगी में तू दाखिल हो गई।।
{प्रथम भारद्वाज}✍️-
माया में तो फंसे हैं पर तेरी माया से परे हैं हम,
मांगने को कुछ दर पर तेरे खड़े हैं हम ऐसा दो हमें कि,
कभी कुछ मांगना ना पड़े क्योंकि तुम परमपिता हो और बालक है तेरे हम।।
~प्रथम भारद्वाज-
दुनिया हमसे पूछेगी किससे प्यार करते हो, हम क्या बताएंगे दिल पे हाथ रखकर हम सिर्फ
अपनी कलम उठाएंगे।।
~Pratham bhardwaj✍️-
चैन की नींद सोता हूं,साहब
सुना है प्यार करने वालों की नींदे हराम है।।-
ना पूछो क्या हाल है हमारे लिख रहे है,
जो किया करती थी 'तुम' इशारे।।
Pratham bhardwaj ✍️-
शायरी जिंदगी की तक़दीर हो गई।
लिखा तो मैने कागज़ पे लेकिन
वोहि माथे की लक़ीर हो गईं।।-