तुमको कहानी किस्से शायरियां और
क्या सुनाया जाए।
दिल का सब हाल बता चुके तुमको
और क्या बताया जाए।।
_Pratham bhardwaj-
बहुत शोर है यहां बस्ती के घरों में।
कोई छोड़ आओ मुझे जंगल के मकान में।।
- प्रथम भारद्वाज-
ध्यान से देखो वतन मुस्कुरा रहा है ,
तुम्हें पता है!स्वतंत्रता दिवस आ रहा है ||
-प्रथम भारद्वाज-
मौसम-ए-बारिश का
असर सब पर हो रहा,
किसी पर दर्द-ए-शिकस्त
किसी पर मज़ेदार हो रहा।।
_Pratham bhardwaj-
काफ़िले बहुत ठहर रहे
बस्ती में तेरी क्या बात है।
ये सब तेरे इश्क़ के इतर
का असर हो रहा।।
_Pratham-
ईश्वर की साक्षात गवाही है माँ !
मेरे हर दर्द की दवाई है माँ !-
हम वो नही जो इश्क़
करके नकार दे,
हम वो है जो तेरी याद
में भी जिंदगी गुज़ार दे!
_ Pratham bbardwaj-
यूँही ना पूछो की क्या हाल है हमारे
किसी दिन मिलोगे तब बतायेंगे की
कितने दिल तोड़े है, इस प्यार ने तुम्हारे
.....Pratham bhardwaj-
भाग्य तुम्हारा तुम ही लिखोगें,
लोगों की कहा सुनते हो तुम
तुम तो ठोकर खाकर ही सीखोगें।।
_प्रथम भारद्वाज-
वो टूट भी जाय तो कोई बात नही ।
वो ख़्वाब है मेरा कोई हकीक़त नही।।
_प्रथम भारद्वाज
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