एक दिन ....
इजाजत मिली सभी को अपना प्रिय चुनने की ....
सूरज ने रौशनी,
चांद ने तारों,
नदियों ने सागर,
हवा ने खुशबू,
बरखा ने बादलों को गले लगाया ....
और प्रेम ने थाम ली प्रतीक्षा की कलाई ....-
तू हंस, तू मुस्करा, तू रोना कम कर दे,
तू जिंदा है और जिंदगी की नाक में दम कर दे।-
ज़िन्दा रहेंगे तेरे ख़्यालात मुलायम,
तेरी अलग है सबसे यहां बात मुलायम।
💐 RIP 💐-
जमीर बिक गया , किरदार बिक गये ।
खून से छपकर के अखबार बिक गये ।
इस कदर लूटा मुफ़लिस को सियासत ने ।
टूटे फूटे थे जो , वो घर बार बिक गये ।
जिनपे था यकीं हक की आवाज उठाने का ।
वो भी आज यहाँ सरे बाजार बिक गये-
तुमसे अच्छे तो मेरे दुश्मन निकने,
हर बात पे कहते है कि 'तुझे नही छोड़ेंगे'।-
थोड़ा सब्र करो अभी मेहनत जारी है,
फिर वक्त खुद कहेगा अब तेरी बारी है।
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भीतर के रावण को जो खुद आग लगाएंगे,
सही मायनों में वो ही दशहरा मनायेंगे।
HAPPY DUSSEHRA-
राम के उदाहरण से याद आता है,
कि प्रेम करना पर्याप्त नहीं है,
उसके लिए धनुष तोड़ने की पात्रता भी चाहिए।-
उम्र भर हम यों ही गलती करते रहे,
धूल चेहरे पर थी,
और हम आइना साफ करते रहे।-
जो आग हमें गर्मी देती है
वो हमें नष्ट भी कर सकती है,
यह अग्नि का दोष नहीं है।-