Prateek Shukla   (प्रतीक शुक्ला)
11 Followers · 4 Following

read more
Joined 6 April 2017


read more
Joined 6 April 2017
21 OCT 2022 AT 17:55

।।शुभ दीपावली।।
'वसुधैव कुटुंबकम'
(सम्पूर्ण जगत हमारा परिवार है)
🙏🙏🙏

-


14 OCT 2022 AT 22:50

खूबसूरती तेरी अच्छी है गर लिबास में रहे तो अच्छा है,
लहजा तेरा अच्छा है कुछ अल्फ़ाज़ में रहे तो अच्छा है,
खुदा की रहमत से सब है कुछ जरिए तेरे हो तो अच्छा है,
इश्क मोहब्बत में तो सब है कोई जन्नत में रहे तो अच्छा है,
खुदा का हर शख्स एक नजीर है ,
कोई उसकी नज़र में रहे तो अच्छा है।।

-


28 JUN 2022 AT 21:03

इबादत करूँ या इम्तिहाॅ देखूँ ,
नजर उठाऊँ तो जमाना देखूँ। ।

-


11 AUG 2021 AT 23:37

तेरे होने का महज़ एक ख्याल है,
इस बेख्याली में भी तेरा खयाल है,
एक मंज़र गुज़र गया इन ऑंखों से,
क्या तुझे भी मेरा ख्याल है 😊।।

-


11 AUG 2021 AT 23:24

वक़्त की बात न करो ये मेरे वश में कहाँ,
तुम बेवक्त बात करो फिर ये वक़्त कहाँ। ।

-


11 AUG 2021 AT 23:15

गर बात बिगङी तो शमां तक जाएगी,
तू न हो मुंतज़िर ये रात गुज़र जाएगी,
तू अश्कों में मिला के जाम ले तो सही,
ये बिगङी हुई बात भी संभल जाएगी।।

-


21 JAN 2021 AT 0:02

एक पाबन्द सी जिंदगी है
मुनासिब नहीं सफ़र करना
ये ख़्वाहिशों का शहर है
तू उम्मीदो पे सफ़र करना
तेरे अक्श में गिने जाएंगे
तेरे तावीर कई तू सबर कर
ये वक़्त गुज़र जाएगा
हसरत -ए- साहिल पे तेरे
गुज़र जाएंगे कारवें कई
अज्मत-ए-ताल्लुक पे तेरे आसां नहीं है 'प्रीत' तेरा यूँ रुख़सत हो जाना।।

-


17 JAN 2021 AT 23:03

दर्द-जख्म-तोहमत क्या लाए हो,
खबर जो भी हो सुनाइए ना,
बेशक ही खौफ में है मेरे यार,
अरे जहर लाये हो पिलाइए ना,
जाने क्यूँ खामोश है मेरे यार,
मेरी तुर्बत पे आए हो आइए ना,
एक भटका हुआ मुसाफिर हूँ मैं,
राहों में क्या मंजिल पहुँचाईए ना,
तेरी लफ्ज़ों में सुकूँ है ऐ प्रीत,
थोड़ा सा तो गुनगुनाइएं ना ।।

-


12 DEC 2020 AT 3:01

मुंतज़िर हो के ख्वाबों का, कोई मुझे यूँ बुलाए,
ज़िल्द जब भी पलटें मेरी, दीदार तेरा हो जाएँ,
हिकायत रहें या फिराक-ए-इश्तिराक हो जाएँ,
अजल जब भी हो मेरी प्रीत दीदार तेरा हो जाएँ।।

-


9 NOV 2020 AT 1:30

मेरे ना होने पे कभी तुम रोना नहीं,
मेरे होने न होने का कोई वजूद नहीं,
मेरे जैसे कई गफ़लतों में गिने जाएंगे,
तुम प्रीत हो इन फिज़ाओं में बसती हो,
तुम खुद को कभी खुद से खोना नहीं,
मेरे ना होने पे कभी तुम रोना नहीं ।।

-


Fetching Prateek Shukla Quotes