उसकी फ़िकर करते करते हम परवाने हो गए ।
और वो , वो किसी और के दिवाने हो गए ।।— % &-
एक तरफ़ा प्यार है ना मेरा इसीलिए तड़पाए जा रहें हो,
दर्द मे काट रहें हैं वक़्त हम और तुम मुश्कुराये जा रहें हो।।— % &-
दीपक की तरह जल कर
औरों की जीवन में रोशनी भर दो,
चलो उठो जागों और काम करो
जो कोई न कर सका वो तुम करदो ।।— % &-
ना कर ऐ गालिब यूँ बिछड़ने की बातें,
ख़ुद से ज्यादा तुम्हें खोने से डरते हैं ।— % &-
माना थोड़ा बदल सा गया हूँ इन हालातों में,
जाग रहा हूँ मैं इन गहरी अँधेरी रातों मे ।
अहमीयत अब अपने भविष्य को देना है क्या होता है यादों मे,
अरे छोड़ो अब जाने भी दो क्या रखा है पुरानी बातों मे ।।— % &-
होगी पापा की लाडली तु, मैं भी माँ का लाडला हूँ ।
मीरा जैसी प्यार में पागल तु, मैं राधा पीछे बावला हूँ ।।
महलों की रानी है तू, मैं गोकुल का नटखट ग्वाला हूँ ।
माखन सी गोरी है तू, और मैं कान्हा जैसा सावला हूँ ।— % &-
प्यार निराली मीरा की है,
सब कुछ वो सह जाती हैं ।
गोपियों संग रहते हो कान्हां
पर कुछ ना वो कह पाती हैं ।।-
रूप सुहाना मोहन का,
मीरा भी कुछ कम ना लागे है ।
जब से तु मोहन जागे है,
सब कुछ राधे राधे है ।।-
कान्हां की तो बात निराली,
हर धुन मोहक लागे है ।
बाँसुरी जाते ही कान्हां की हाथों में,
ख़ुद बा ख़ुद से बाजे है ।।-
वो बाल कृष्णा नंदलाल है,
वो खुद मे उत्तर और सवाल है ।
रंग है उसका सांवला सा,
वो मन से पूरा खुशहाल है ।-