स्वयं को ही सर्वश्रेष्ठ, सच्चा और बुद्धिमान मानने वाले मूर्ख के समक्ष तथ्यों पर बात करना भी आपकी ही मूर्खता कहलाएगी अर्थात शांत रहे।l
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कभी कभी लगता है की बदतमीज इंसान को सिर्फ बदतमीजी की भाषा ही समझ आती है।।
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काम और जिंदगी को सिर्फ धन दौलत की तराजू से तौलने वाले व्यक्ति से पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभालने वाली महिला की कीमत समझने की अपेक्षा करना मूर्खता है।।
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जब मजाक और सच सुनने की औकात न हो तो दूसरों के प्रति निचली स्तर की बातें नही करनी चाहिए ||
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एक धूर्त लोमड़ी, भेड़ों के बीच उनकी खाल पहने स्वार्थी और चालक लोमड़ी से कम खतरनाक होती है।
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नास्तिक व्यक्ति अगर आस्तिक की तरह व्यवहार करने लगे तो समझ लेना स्वार्थ से परिपूर्ण है
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एकदा अज्ञानी को ज्ञान दिया जा सकता है परंतु मूर्ख, अड़ियल और अहंकारी के समक्ष तो २ जोड़ २ भी ५ ही होते है।।
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अज्ञानी को ज्ञान दिया जा सकता है परंतु मूर्ख, अड़ियल और अहंकारी के लिए १ धन १ भी ११ ही होते है।।
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दुर्भाग्यवश स्वार्थ से भरपूर इस कलयुग में कभी कभी अहंकारी, अड़ियल और डींगे हाकने वाले व्यक्ति को सबक सिखाने हेतु वैसा ही व्यवहार करना पड़ता है|
अन्यथा ज्ञात रहे, जंगल में सीधे वृक्ष पहले काटे जाते है।।-
कभी कभी उद्दंत व्यक्ति को उसके उद्दांता का अहसास दिलाने हेतु उनके साथ उद्दंता करनी पड़ती है
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