दो ही जान ए मन है मेरी ।
ये मेरी खुशनसीबी ही होगी
एक से मेरी शादी हो गई
दूजी सुकून ए मौत होगी-
Scorpion
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Movie bu... read more
कुछ मिल रहा है
तो कुछ खो रहा है
जो भी हो रहा है
सब अच्छा हो रहा है-
पतंग
पतंग को हमेशा ये लगता है की वो डोर जिससे वो
बंधी है वो उसकी उड़ान को रोक रही है
और अगर वो डोर ना होती तो शायद वो आकाश
मैं और ऊपर तक उड़ पाती ।
वो उस डोर से अलग होना चाहती है क्योंकि
किसी को भी बंदिशें नही पसंद
लेकिन वो ये भूल जाती है कि उस डोर के
कारण ही वो आकाश इतनी ऊंचाई पर
उड़ पा रही है अगर वो डोर टूट गई
तो पतंग नीचे ज़मीन पर आ गिरेगी
हमारा हमारे माँ और पिता के साथ
पतंग और डोर का ही रिश्ता है ।
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याद मैं तेरी दिल ये मेरा पल पल रोता है
बंद करूं ये आंख जो मैं
दीदार तेरा होता है
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मंज़ूर नही है कायनात को
तुम्हारा हमेशा आराम मैं रहना
वो दर्जी कभी भी
कपड़े तुम्हारे नाप के नही
सिलेगा
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जाने किस मिट्टी से बनाया है
साहिब-ऐ-जहान ने मुझको
कल की बातें मैं
कल ही भूल जाता हूँ
हसीन लम्हात बिताये जो वो
मुदत्तों याद रहते है
ग़मगीन पलों मैं अपने
उन्ही मैं झूल जाता हूँ-
माफ़ कर के एक दूजे को
आओ नज़दीकियां ज़रा बढ़ा ले
कभी आप हमारे घर आ जाए
कभी अपने घर बुला लें
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ऐ वक़्त अगर वक़्त मिला तो
तुझसे वक़्त लूंगा मैं
बेवक़्त मिलने का तुझसे
मेरे पास वक़्त नही है-
कर्म इस जन्म के है
या पिछले जन्मों का लेखा
दुनिया ने देखा है ताज महल
मगर मुमताज़ ने नही देखा-
लोगों के अजीब अजीब शौक़
है ज़माने में
किसी को ख़र्चने मैं मज़ा आता है
तो किसी को कमाने मैं-