"दुःखो" का दर्द कहता है।
"सुःख" कितना जरूरी है।-
प्रिय:- ✍🏻🤗
कह दे मेरे अल्फाज़"
गर तुम्हें अपना।
तों यह बहाना बनाना।।
हम तुम्हारे कौन?
जो रूठो!
तो देखे जमाना।।-
तुम मुझसे पूछा करना,
मैं तुम्हें बताया करुँगा।
क्या होती है परवाह,
सारा स्नेह लुटाया करुँगा।-
युवा जीवनी 🖤
कौनसा निरर्थक आया है।
मैंने खड़ा तुम्हें पाया है।
व्यर्थ होने दो इस पल को
समस्त संसार माया है।
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Way Of Choosing ✍🏻
कुछ-कुछ, कुछ अधिक अर्थ है।
मैंने साधा, शायद वह निरर्थ है।
नहीं-नहीं
गलत रास्ता, समय निकालना व्यर्थ है।-
कश्मकश भरी साँसे, जब हम तुमसे टकरायँगे।
विरह कि व्यथा के, घाव तुम्हारे भरजायेंगे।
स्पष्ट रखना वर्णन तुम्हारा!
अस्पष्टता के वार से, समक्ष तुम्हारे मरजायेंगे।-
कुछ अपनों से!
कुछ गैरों से!! सीखा जा सकता है।
अपने ही नहीं
भेद-भाव सभी से किया जा सकता है।-
कहने में मन कि बाते
बातों में "मन" आता है।
अपने ही तो है,
कहने वालों से मन भर जाता है।-
किसी को मेरी कहानी अच्छी लगी।
किसी को किरदार!
वो सुनते रहे,
मैं निभाता रहा।
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ग्रह प्रतिष्ठा कि रक्षा में,
''बड़ो'' से 'छोटे हार जाया करते है।
परम्परा कि बैठक में,
संबंध "अधिकार" जताया करते है।
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