जीवन है छोटा सा चलता बहुत तेज है
दोस्त है थोड़ी नादान समझती बड़ी देर से
कहती है मन की बात ना रखती कोई बैर है
थोड़े ही पल में कहती चुप रहने में कमजोर है
भेदभाव नहीं मन में इसके दिल से पूरी प्योर है
चाहती है जिसको भी ये अपनी मानती ये डोर है
प्रेम बहुत है मन में तेरे कहने की कोई बात नहीं है
दोस्त हैं हम तेरे जो भी कह ले समझते ही हर भाव हैं
चाहते हैं हम तू खुश रहे सदा साथी संग खुशहाल रहे
इतना तुझको वो प्यार करे ना दोस्त तुझे कोई याद रहे
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