pratap singh  
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Joined 16 October 2018


Joined 16 October 2018
21 DEC 2023 AT 15:52

ख्यालों की दुनिया है अंधेरों ने पाला है
कैसा है ये वक्त देखो अपनों ने ही मारा है

कहते हैं किस्मत है होता कुछ भी है खास नहीं
पीठ पीछे रखते हैं खंजर मिलता है कोई पास नहीं

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2 OCT 2023 AT 22:01

कहने को कोई बात है
सुनने को कोई साथ है
दिल की बातें दिल में हैं
अब भरे पड़े अहसास हैं
जलने वाले तो बहुत मिलेंगे
चलने वाले कुछ खास दिखेंगे
समझ सको तो ये समझो बात
कर लो दिल से तुम अपने साथ

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6 OCT 2022 AT 11:21

जीवन है छोटा सा चलता बहुत तेज है
दोस्त है थोड़ी नादान समझती बड़ी देर से

कहती है मन की बात ना रखती कोई बैर है
थोड़े ही पल में कहती चुप रहने में कमजोर है

भेदभाव नहीं मन में इसके दिल से पूरी प्योर है
चाहती है जिसको भी ये अपनी मानती ये डोर है

प्रेम बहुत है मन में तेरे कहने की कोई बात नहीं है
दोस्त हैं हम तेरे जो भी कह ले समझते ही हर भाव हैं

चाहते हैं हम तू खुश रहे सदा साथी संग खुशहाल रहे
इतना तुझको वो प्यार करे ना दोस्त तुझे कोई याद रहे

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2 OCT 2022 AT 5:49

दोस्त हो प्यारी दिल से मतवाली
ना लिखो ज्यादा ना कलम भरे हामी

कहता हूँ जो भी समझ लेती हो भाव से
रहती हो खुद में जो ना मानती कोई बात हो

करना है अपने मन की जो चलते जाना शान से
दुःखी उदास होकर भी अब क्या रहना है जानकर

मिलने वाले बहुत मिलेंगे कुछ रिश्ते रखो सम्हाल के
जो साथ चले तुम्हारे संग में उनको रखो अपने साथ में

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18 JAN 2022 AT 0:10

लहजे में झलक मिलती है रिश्ते खुशबू पाक की
कोई देखे जो इक नजर तुमको हो जाए बेबाक सी

आँखो में है चाहत कोई जब उम्मीदें ही हो बेदाग सी
कलम चलाकर बयाँ जो कर दे खुशियाँ उसके साथ की

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15 JAN 2022 AT 22:36

वजह चाहने की नहीं तुमको लिखने का मेरा जुनून है
कलम से हो गयी यारी मेरी जब संग उसके ही सुकून है

ना करूँ बयाँ जज्बात मेरे तो खुद में डूबा सा रहता हूँ
पाकर तेरा साथ कलम मैं अब खुशहाली में ही जीता हूँ

कुछ बिखरा सा लगता है जब सोच विचार मैं करता हूँ
जोड़ जोड़ कर ख्याल मेरे कुछ नए ख्वाब तब बुनता हूँ

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2 OCT 2021 AT 13:00

कहानियों के सहारे कोई जज्बात यहाँ छिपाता है
कहकर थोड़ा थोड़ा वो जब कह भी ना कुछ पाता है

आँखें देखो भरी उदासी कुछ ख्वाब नया सजाती हैं
पूरी ना हो जब भी वो ख्वाहिश मोती बन बह जाती हैं

कहना है बस थोड़ा सा तुम मत चाहो ऐसे ख्वाब अधूरे
खुश रहो दोस्त खुश मिजाज बनो ना चाहो जो हों ना पूरे

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5 APR 2021 AT 14:29

ना नाम से ना काम से मेरे दोस्त हैं अभिमान से
मैं याद करूँ वो खड़े मिलें चलते सदा मेरे साथ में
ना छोड़ते ना रोकते ना कोई हमें कुछ बतलाता है
रहे मुसीबत कितनी भी वो भागा भागा जब आता है

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15 MAR 2021 AT 21:25

एक वक्त के लिए तू भी मेरे पास ठहर जा
मुझे अपना समझ कर कुछ लम्हे गुजार जा
अच्छा हूँ बुरा हूँ मैं खुद को इतना नहीं जानता
तेरे लिए तेरे साथ हूँ क्या तू भी नहीं पहचानता

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13 DEC 2020 AT 9:12

ख़्वाहिशों के समंदर में मैं अपनी आजादी की नाव चलाता हूँ
खोए हुए जज्बात नहीं मेरे मैं मुसाफिर ही खोया हुआ कहलाता हूँ

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