15 JUN 2017 AT 23:41

आज मंदिर का केसरिया रंग हूँ
कल मस्जिद का हरा रंग बन जाऊँगा

मुफ़लिसी में वैसे ही जेबें थोड़ी खाली होती हैं..

- प्रसून व्यास