Prashik- Writes   (Prashik!)
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शायर की जिंदगी💖के साथ कलम🖊️🖋️ की साधगी
दिलं ❤️को हलका कर देती है
Joined 30 November 2021


शायर की जिंदगी💖के साथ कलम🖊️🖋️ की साधगी
दिलं ❤️को हलका कर देती है
Joined 30 November 2021
11 SEP 2023 AT 2:17

ये दो पड़ाव इम्तेहान के।
अक्सर बचपन बर्बाद कर देता है!!

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9 SEP 2023 AT 16:22

Happy birthday to me 😂😂

Dated 08 sept



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25 AUG 2023 AT 2:10

जब कपड़े दोनों ने उतारे थे
फिर भी इज्जत स्त्री की कम हुई ऐसा क्यों.?

जब जरूरत दोनों की थी
सिर्फ स्त्री ही वैश्या कहलायी ऐसा क्यों?

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13 AUG 2023 AT 22:30

Vo chaand sa dekta hai...
Suraj sa dhalta hai
Ke sare sitaaro ka ghar uske aakhon me basta hai ..
Vo mujhe jeena ki naye wajha deta hai
Na jaane kyu har rooz ek sawal ke sath vo mujhe phir chod chala jata hai!

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10 AUG 2023 AT 0:01

के कुछ इस कदर सियासत हुई हमारे मोहबत की गालिब
किसी ने धर्म के नाम की चिंगारी लगा दी
और मै उमेदवार-ए-काबिल उसके प्यार के वोट से वंचित रह गया!!

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3 AUG 2023 AT 17:58

तुम कहते हो धर्म सा पवित्र कोई नही
मैंने अक्सर दो धर्मो की लडाई के बीच
नारी की इज्जत जाते हुई देखी है!!

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8 MAY 2023 AT 0:56

दीवारे.....
मेरी आँख से गिरी हर एक बूंद की गवाह है कमरे की दीवारे
बेशक अब माँ के सामने आँसू बहाना अच्छा नही लगता

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30 APR 2023 AT 1:22

जी हा परेशान है हम हमारी
बदनाम ज़िन्दगी से ...
किसी को हसकर देख क्या लिया
तोह मशहूर होजाते है वो
हमारे नाम से !!!

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30 APR 2023 AT 1:18

भुला दो सारे गीले...
आज जिंदा हैं ,क्या पता कल जिंदगी मिले न मिले

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25 APR 2023 AT 0:08

न जाने क्यों
आज मौसम को बड़ा गुमान आया है
आदेश दिए जाए बादलों और मैखानो को
आज बंद नही होना है
क्युकी मेरे दोस्त को आज फिर उसका ख्याल आया है ।

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