यूं तो वो शांत समंदर है
जरूरत पे सबसे भयंकर है,
कभी महादेव, कभी शिव शंभु,
कभी वो भगवान शंकर है-
बेनकाब न करो खुद को बस एक पर्दा तुम्हे बचा ले जायेगा,
जंग का माहौल है, कोई एक्सप्लोसिव समझ के उठा ले जायेगा।-
बारिश की बूंदों को आगोश में लेकर,
एक दिन बादल हो जाएंगे ।
गर देख लें तुम्हे इस रूप में ,
सच में उस दिन लोग पागल हो जायेंगे ।।
Sastashayar007
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ख्वाहिशों की तिजोरी से निकाल के कुछ खर्चा करते हैं,
कभी वक्त लेकर आओ फिर चाय पे चर्चा करते हैं ।-
हम जातियों में बंटते रहते हैं,
हमें कोई शर्म नहीं है।
लगता है कि सुरक्षा हिंदुओं की,
किसी का कर्म नहीं है।
वो धर्म पूछ के जान ले रहे हैं,
हम कहते हैं आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है ।-
हम जातियों में बंटते रहते हैं,
हमें कोई शर्म नहीं है।
लगता है कि सुरक्षा हिंदुओं की,
किसी का कर्म नहीं है।
वो धर्म पूछ के जान ले रहे हैं,
हम कहते हैं आतंकवाद का कोई धर्म नहीं है ।-
एक मुस्कुराहट से लोगो का काम तमाम करती हो।
सड़क पे रुक जाओ तो ट्रैफिक जाम करती हो।
जानना तो बहुत कुछ है तुम्हारे बारे में,
अभी ये बताओ के सुंदर दिखने के अलावा क्या काम करती हो?-
वो जितनी सुन्दर दिखती है,
मुझे मेरी कहानी में,
सच कहूं तो उतने में तो,
लग जाएगी आग पानी में।-
चैन सुकून गम खुशी प्यार दोस्ती, सब तुझको ही अर्पण है,
'अजी सुनते हो' से लेकर 'बहरे हो गए क्या' तक का सफर भी एक प्यार का समर्पण है ।
वादा था उस से कि इस करवाचौथ चांद ज़मीं पे दिखाऊंगा तुझे,
और तोहफे में उसके लिए आज एक दर्पण है।-
मुझे अब जलाना ही आखिरी काम है क्या?
विधर्मी होने का सिर्फ मुझपे ही इल्जाम है क्या?
सामने खड़ी भीड़ से पूछ रहा है जलता हुआ रावण,
सच सच बताना तुम में से कोई राम है क्या?
- रावण की मनोदशा।
(वैसे तो हर एक विधर्मी का अन्त ऐसा हो होना चाहिए)-