यू सपनो के पंख लिए
हर रोज कही उड़ जाता हूँ मै
ना रोकेगा कोई मुझे
जी भर कर शोर मचाता हूँ मै
ना कोई ऐसा देखा हैं
जो मन का बैरी घूम रहा
जो चाहा जिसने सब उसका
हर कोई खुशियों संग झूम रहा
हर दिल तरंग, हर मन उमंग
हर एक यहां अपनों के संग
खुशियों की अलग जवानी हैँ
यहां सब की अलग कहानी हैँ
रहने दो सपनों के संग
कहता आँखों का पानी हैँ-
नहीं सोचा अभी तक, साथ होकर, साथ क्यों ना थें
वजह जीने की हैँ वो, यू कभी, हालात क्यों ना थें
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पथिक भटका हैं राहो मे, उसे खुद क्यों खबर ना हैं
सम्हल कर फिर गिरा हैं वो, उसे इसकी कदर ना हैं
लगाया ज़ोर जिसने था, कभी मंजिल को पाने मे
वही अब पास हैं मंजिल, उसे उसकी फिकर ना क्यों
मिले हैं लाख मौके, और भी, मिल जायेंगे शायद
यही बस एक वजह, उसको, नहीं हैं अब खबर उसकी
जो हरदम साथ थें उसके, वही अब दूर हैं उससे
वजह वो खुद है दूरी की, खबर उसको नहीं इसकी
बहोत कुछ खोकर पाया था जो रिश्ता वो गवा बैठा
गलत मंजिल को पाने को, वो सारा दम लगा बैठा..-
बुरा हो लाख जीवन पर मैंने उपहार पाया हैँ
मै लायक था नहीं फिर भी तुम्हारा प्यार पाया हैँ
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उलझने अब उलझने को मुझे मज़बूर करती है
जो दिल के खास हैँ उनसे हमें ये दूर करती है-
थोड़े पर मत खुश हो जाओ
हरदम आगे बढ़ते जाओ
सफऱ कभी ज़ब जोखिम का हो
रुक -रुक कर तुम पाँव बढ़ाओ
आँख से ओझल खुशियाँ होंगी
पाँव मे मज़बूरी की बेडी
सब्र के बंधन मे तुम रहना
खुशदिल हो मंजिल तक जाओ
थोड़े पर मत खुश हो जाओ..-
मेरी खुशियाँ, मेरे सपने, मेरा संसार हो तुम
साँसे चलती हैँ जिससे,मेरा वो प्यार हो तुम
तड़पता हैँ ये दिल मेरा, कभी ज़ब दूर होती हो
मै रोया हू सनम ज़ब तुम कभी मज़बूर होती हो
तुम्हारे इश्क़ की आहट मे सनम हरदम मै हॅसता हूँ
तुम्हारे इश्क़ की खुशबू मे सनम हरदम मै बसता हूँ
सम्हाली जिंदगी मेरी मेरा आधार हो तुम
मेरी खुशियाँ, मेरे सपने, मेरा संसार हो तुम 🥰-
Duniya ki bheed mein hum us insaan
ko dhundte rahe...........
Jo hamien bhi zindagi jeena sikha
de.........
Mile bahut par... har koi zindagi me
aane ki wajah suna gaye............-
समझ को समझना आसान नहीं होता
हर एक, हर एक का अभिमान नहीं होता
बहोत मिलते हैं मिलकर चले जाने वाले
यू इतना भी जीवन आसान नहीं होता...-
ज़िन्दगी से मोहब्बत हैँ
शिकायत भी मोहब्बत से
मोहब्बत चीज प्यारी हैँ
ख़फ़ा भी हैँ मोहब्बत से
वो मुद्द्त बाद भी ख़्वाबों
में मेरे राज़ करती हैँ
निगाहों से जो देखूँ तो
बहोत एतराज करती हैँ
जो आंखे खोल दू तो
सब मुझे वीरान लगता हैँ
शीशे में मेरा चेहरा मुझे
अनजान लगता हैँ.....-