" भाई बहन के ऊपर कुछ दोहे "
यहां न कोई कर सकें , बहना जैसा प्यार
भाई से बढ़िया कहाँ, कोई भी दिलदार।
कर मस्ती हरपल लड़े , इक-दूजे की संग।
खुशियों से जीवन भरा,प्रति पल दिखे उमंग।
मैया का रुप दूसरा ,बड़ी बहन ही होत
बहन को हो दर्द जरा , भाई देता रोत
रिश्ता भाई बहन का , है सब से अनमोल
पावन बंधन में कभी, कड़वाहट मत घोल।
प्रशांत त्रिभुवन- प्रशांत त्रिभुवन
14 DEC 2019 AT 21:35