सुनो, वो रोज़ शाम को बालकनी में कॉफी की दो मग के साथ आसमां में जहाजों को गिनने का जो मेरा ख्वाब है ना, वो चाहता हूं कि इसी जन्म में पूरा हो जाए !
तुम उंगली बढ़ा कर उन्हें छुपाने की कोशिश करो और वो उड़ते हुए उनके बीच से निकल जाया करें।
फिर हम यूं लड़े कि इस वाले से यहां और उस वाले से वहां जाना है, कॉफी का मग खाली और हम भर जाया करें,
एक और दिन की तैयारी में।
-