Prashant Pratap Singh   (PacificLion)
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Joined 23 February 2019


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Joined 23 February 2019
21 SEP AT 2:30

लिखा उन्हें कुछ इस क़दर हमने, कि उन्हें कदर की खबर ही नहीं।
कर रहें हमारे लिखे की क़दर वो लोग, जो हमसे बाख़बर ही नहीं।

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29 AUG AT 22:19

Be a wolf among your family and close ones, but a lion before the world.

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19 AUG AT 8:09

सूरत दिखा जाता है, "सीरत" छुपा रह जाता है,
क्यूंकि

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13 AUG AT 14:22

एक रात एक बात लिखूंगा तुझे मेरे साथ लिखूंगा
बड़ा सा चाँद और ठंडी हवाएँ फिर तेरे हाथ में अपना हाथ लिखूंगा
हकीकत में तू कभी मिलेगा नहीं एक किताब में अपनी मुलाकात लिखूंगा मेरी किताब में सब मेरी मर्जी का होगा
तुम सो जाओगे जब मैं दिन को रात लिखूंगा
तू मेरा क्यू ना हो सका ये सवाल लिखूंगा
और तेरे दिल में नहीं हूँ तो क्या? मैं तेरा हूं ये मैं हर दिन हर रात लिखूंगा..!!

Ek raat ek baat likhunga Tujhe mere sath likhunga
Bada sa chand aur thandi havaye
fr tere hath me apna hath likhunga Hageeqat me tu kabhi milenga nahi
Ek kitaab me apni mulakat likhunga Meri kitaab me sab meri marzi ka hoga
Tum so jaoge jab me din ko raat likhunga
Tu mera kyu na ho saka ye sawal likhunga
Aur tere dil me nahi hun to kya
Main tera hun ye main har din har raat likhunga..!!

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23 JUL AT 10:23

काश ये ज़मीं आसमां दरिया सूरज चांद सितारे और हवा सब हमारे होते, तो वो जहां भी जाते ख़बर हमें भी होती।

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21 JUN AT 19:37

पाया साथ उसका बूंद सा,
खो रहा हूं उसे समंदर सा।

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10 JUN AT 23:54

तुझे पाने की कोशिश में कुछ इतना खो चुका हूँ मैं
कि तू मिल भी अगर जाए तो अब मिलने का ग़म होगा!!

- वसीम बरेलवी

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21 MAR AT 15:33

चल एक बात करते हैं अपनी, जिसमें तू साफ और हम दागदार निकले
हकीक़त में मिले या न मिले अब, पर उस बात में एक मुलाक़ात निकले

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4 MAR AT 0:05

निकाहनामे पे दस्तख़त कर जिस्म पाया किसी ने,
एक हम हैं, जिसने इश्क़ से रूह फ़तह की है।

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3 MAR AT 19:40

Decades of integrity can be lost in a single minute of weakness, succumbing to anger, greed, or lust.

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